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मधेपुरा में क्रान्तिवीर रासबिहारी लाल मंडल की 100वीं पुण्यतिथि मनी !

26 अगस्त 1918 को यानि 100 वर्ष पूर्व महात्मा कबीर की नगरी ‘काशी’ में इहलीला समाप्त कर चुके इस महाप्राण रासबिहारी लाल मंडल को हम आज भी शिद्दत से याद करते हैं। सौ साल के बाद भी उनके नाम की आभा कम नहीं हुई, पर इस बीच आये-गये मौसमों से उनकी आकृति धुंधला जरूर गई थी। जिस धुंधलेपन को समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी अपनी साधना के बल पर हटाने में लगे रहे।

बता दें कि उनके देहावसान के लगभग 85 वर्ष बाद उन्हीं के नाम वाले रासबिहारी उच्च विद्यालय परिसर में जन सहयोग से उनकी प्रतिमा स्थापित कराई डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने……. और आज 100वीं पुण्यतिथि पर डॉ.मधेपुरी द्वारा लिखित पुस्तक – “रासबिहारी लाल मंडल : पराधीन भारत में स्वाधीन सोच” को जल्द ही लोकार्पित कराने की घोषणा भी कर दी गई है |

Paying homage to the statue of Babu Rasbihari Lal Mandal.

डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि रासबिहारी बाबू विद्यानुरागी थे। वे बांग्ला, अंग्रेजी, फ्रेंच, हिन्दी, संस्कृत , कैथी,  उर्दू , फारसी आदि के सर्वमान्य ज्ञाता थे। उन्होंने बंग-भंग के समय ‘भारत माता का संदेश’ पुस्तक लिखी थी। वे अंग्रेजों से कभी नहीं डरे… तभी तो लोग उन्हें यदाकदा ‘साहेब’ कहकर पुकारा करते और कभी ‘तिरहुत का राजा’। दरभंगा महाराज तो उन्हें “मिथिला का शेर” कहते थे ।

इस अवसर पर प्रो.प्रभाष चन्द्र यादव, डॉ.विनय चौधरी एवं डॉ.अरुण कुमार मंडल ने उनके द्वारा दलितों , शोषितों एवं पिछड़ों के उत्थान के लिए किए गये महत्वपूर्ण कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि इन कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता। प्राचार्य प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.सुरेश भूषण, संतोष कुमार, प्राण मोहन यादव, डॉ.आलोक कुमार आदि वक्ताओं ने एक स्वर से यही कहा कि रासबिहारी बाबू स्वतंत्रता संग्राम के निर्भीक सेनापति तो थे ही, साथ ही वे सामाजिक परिवर्तन के प्रखर अगुआ भी थे।

जानिए कि इस बार रासबिहारी क्विज प्रतियोगिता एवं उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का श्रीगणेश उनकी प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण कर किया गया। पुन: अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के बाद विद्यालय के संगीत शिक्षक गांधी कुमार मिस्त्री द्वारा ‘रास बिहारी गीत’ की प्रस्तुति दी गई।

अंत में क्विज में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आये छात्रों क्रमशः दिलखुश-भूषण-राहुल को पुरस्कृत किया गया। निबंध प्रतियोगिता में राहुल प्रथम, आनंद द्वितीय एवं तृतीय हर्षराज को डिक्शनरी दे-देकर पुरस्कृत किया गया।

मौके पर जिला खेल प्रशिक्षक खेलगुरु संत कुमार, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव डॉ.अरुण कुमार, जिला कबड्डी संघ के सचिव अरुण कुमार एवं शिक्षक डॉ.अमलेश कुमार, कृष्ण कुमार, मुर्तजाअली, उर्वशी कुमारी, रंजना झा, बीरबल यादव आदि अंत तक मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य अनिल कुमार चौहान ने किया तथा मंच संचालन सेवानिवृत्त विज्ञान शिक्षक राजेंद्र प्रसाद यादव ने।

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