ईद 30 रोजे पूरे होने का दिन होता है | पवित्र रमजान के महीने हर बच्चा-बूढ़ा और नौजवान खुदा की इबादत करने हेतु रोजा रखते हैं | अंतिम दिन ईद का चाँद दिखते ही एक दूसरे को तत्क्षण “चाँद मुबारक” कहकर बधाई देने लगते हैं | बड़े-बुजूर्गों का आशीर्वाद लेने लगते हैं | अगली सुबह ईद की नमाज से पूर्व गरीबों को कुछ दान (यानि जकात-उल-फितर) देते हैं |
बता दे कि ईद के रोज जो नमाज पढ़ी जाती है वो बन्दों की तरफ से अल्लाह को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए होती है कि उसने उन्हें रोजा रखने की तौफीक दी | फिर बाद में ईद की नमाज पढ़ लेने के बाद सभी एक दूसरे को ईद की बधाई देते हुए “ईद मुबारक” कहते हैं | हिन्दू-मुस्लिम सभी एक दूसरे से गले मिलते हैं | सारे शिकवे भुलाकर ईद मनाते हैं | सारे मैल को धो डालते हैं |
आज सवेरे मुल्क के सभी हिस्से में ईद की नमाज ईदगाह में अदा की गई | मधेपुरा ईदगाह में जहाँ भारी संख्या में मुस्लिम रोजेदारों ने नमाज पढ़ी, वहीं बाहर में मधेपुरा के वर्तमान सांसद पप्पू यादव एवं पूर्व सांसद शरद यादव ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ ईश्वर से अमन-चैन की दुआ मांगी…….. साथ ही नीतीश सरकार के केबिनेट मिनिस्टर रमेश ऋषिदेव भी अपनी टीम के साथ ‘ईद मुबारक’ करते और गले मिलते देखे गये |
मधेपुरा के डॉ.कलाम कहे जाने वाले समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने सबों से यही कहा – “ईद सिर्फ आपसी मिल्लत, सद्भाव व भाईचारे का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह पर्व अल्लाह द्वारा बन्दों को (दिये गये हुक्म के अनुसार) 30 रोजे रखकर खुद को संतुलित करने तथा समाज को बराबरी पर लाने का मौका है | यह छोटे-बड़े और अमीर-गरीब के दस्तरखान का फर्क मिटाने का अवसर प्रदान करता है | यदि कहीं कोई फर्क रह भी जाय तो हर एक से गले मिलकर ‘बराबरी’ को मजबूत करने का अंतिम मौका देता है | यह बराबरी का पाठ पढ़ाता है, बिछाता है और ओढ़ता है |
यह भी जानिये कि रमजान के महीने में रोजे रखने का फर्ज करार दिया गया है | केवल इसलिए कि इंसान को भूख-प्यास का अहसास हो सके और वह लालच से दूर होकर सही राह पर चल सके….|
चलते-चलते यह भी बता दें कि जहाँ जिला मुख्यालय के सभी मस्जिदों के आस-पास तथा विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस बल मुस्तैद रहे तथा शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखने के लिए डीएम नवदीप शुक्ला एवं एसपी बाबूराम अपनी-अपनी टीम के साथ मुस्तैद दिखे, वहीं ईदगाह में इमाम कारी मुस्तकीम तथा बड़ी मस्जिद में मौलाना सगीर नमाज अदा करवाये | साथ ही मो. शौकत अली, ध्यानी यादव आदि साफ-सफाई के अतिरिक्त रोशनी-पानी व्यवस्था हेतु चौकस रहे |