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आरजेडी ने कहा, कर्नाटक की तर्ज पर बिहार में भी बने सरकार

कर्नाटक की आंच बिहार तक भी आ पहुंची है। बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को अपने सहयोगी दलों के नेताओं के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलकर कर्नाटक की तर्ज पर बिहार में भी सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान राज्यपाल को 111 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा गया। तेजस्वी के साथ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी एवं प्रेमचंद मिश्रा, हम के दानिश रिजवान एवं आरजेडी के तेजप्रताप यादव, आलोक मेहता एवं शिवचंद्र राम समेत कई विधायक मौजूद थे।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने दावा किया कि अगर उन्हें सरकार बनाने का मौका मिलता है तो वह आसानी से फ्लोर टेस्ट पास कर लेंगे। तेजस्वी का दावा है कि उऩके साथ कुल 111 विधायक हैं और कुछ जेडीयू से नाखुश विधायक भी उनके संपर्क में हैं। इसके पहले कर्नाटक मुद्दे पर आरजेडी ने धरना-प्रदर्शन कर विरोध भी जताया। शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने ट्वीट भी किया और कहा, ‘देश संविधान के आधार पर दिल्ली से चलना चाहिए, न कि संघ के नागपुर मुख्यालय से। चलो लोकतंत्र बचाने के लिए सड़कों पर उतरें।’

वहीं दूसरी ओर जेडीयू ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘बबुआगिरी’ छोड़ राज्यपाल की शक्तियों को जानने की सलाह दी है। जेडीयू के प्रवक्ता और विधानपार्षद नीरज कुमार ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए उनके नाम एक खुला पत्र जारी कर उन्हें लोकतंत्र और सरकार बनाने के नियमों का ज्ञान नहीं होने की बात कही। पत्र में कहा गया है कि सरकार बनाने का दावा पेश करने के पूर्व विधानसभा में वर्तमान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर संख्याबल के द्वारा वर्तमान सरकार गिरानी पड़ती है और इसके बाद नई सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त होता है।

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