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कांग्रेस को बदलने में जुटे नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद राहुल गांधी ने अपने पहले इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है। नेशनल हेराल्ड को दिए इस इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी में बड़े फेरबदल किए जाएंगे और लोगों को उत्साहित करने वाले चेहरों को आगे किया जाएगा। राहुल ने मोदी सरकार पर भी जमकर वार किया और नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदमों की आलोचना की।

आरएसएस और भाजपा की तुलना में कांग्रेस के कमजोर संगठन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि “कांग्रेस को अभी काफी काम करना है। बहुत से ऐसे नए लोग हैं, जिन्हें हमें आगे लाना होगा। कांग्रेस में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। आने वाले दिनों में आप ऐसे लोगों को देखेंगे, जिन्हें देखकर आप उत्साहित हों,  जिन्हें देखकर आप कह सकेंगे कि हां देखो यह व्यक्ति आया है, मैं जिसके साथ जुड़ना चाहता हूं। मैं ऐसे ही लोगों के साथ जुड़ना चाहता हूं, जो सौम्य हैं  और मजबूत हैं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल पार्टी को ऊपर से नीचे तक या नीचे से ऊपर तक बदलने वाले हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “हां, दरअसल यह मेरी योजना नहीं है। यह कांग्रेस पार्टी की इच्छा है कि वह बदले,  विकसित हो… मैं तो सिर्फ इसमें मदद करूंगा।”

कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने सत्ताधारी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि “भाजपा ने समाज को बांट दिया है। उन्होंने देश के लोगों के बीच एक तरह की दुश्मनी फैला दी है और मेरा मानना है कि कांग्रेस की भूमिका लोगों के बीच एक सेतु, एक पुल बनने की है। हमें ऐसा संवाद शुरू करने की जरूरत है,  जिसमें हम कह सकें कि हम सब भारतीय हैं। कोई वर्ग, जाति या धर्म नहीं, बल्कि भारतीयता हमारी पहली पहचान है। इसके बाद ही कोई पहचान आती है।”

देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की कथित उपेक्षा को लेकर भाजपा के आरोपों पर राहुल ने कहा, “झूठ फैलाया जा रहा है कि सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरू जी में नहीं बनती थी। ये सरासर झूठ है। जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल गहरे दोस्त थे। दोनों ने साथ-साथ जेल में वक्त गुजारा है। कुछ मुद्दों पर दोनों में मतभेद होते थे, लेकिन वे दोस्त थे। राहुल यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि सरदार पटेल जी के तो आरएसएस और संघ की उस विचारधारा के बारे में काफी कटु विचार थे, जिसको नरेंद्र मोदी जी अपनाते हैं।”

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