नीतीश की नई टीम के शपथ-ग्रहण के साथ बिहार में चल रही राजनीतिक अनिश्चितता और नाटकीय घटना-क्रम का पहला दौर पूरा हो गया दिखता है। पॉलिटिकल ड्रामा के दूसरे चरण की बात करें तो वह ‘विश्वासघात’ का आरोप लगा रही आरजेडी की रणनीति, मंत्रिमंडल में हम और रालोसपा को जगह न मिल पाने के कारण जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा की नाराजगी और नीतीश द्वारा ‘विश्वास’ में न लिए जाने के कारण शरद यादव की चुप्पी पर निर्भर कर रहा है।
बहरहाल, नीतीश की नई टीम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अतिरिक्त कुल 27 मंत्रियों को जगह मिली है, जिनमें कोशी कमिश्नरी के तीन चेहरे – बिजेन्द्र प्रसाद यादव (सुपौल), दिनेश चन्द्र यादव (सिमरी बख्तियारपुर) और रमेश ऋषिदेव (सिंहेश्वर) – शामिल हैं। ये तीनों मंत्री जेडीयू कोटे से हैं, जबकि इस इलाके से भाजपा के एकमात्र विधायक नीरज कुमार बबलू (छातापुर) की दावेदारी को नज़रअंदाज कर दिया गया। कल शपथ लेने वाले 27 मंत्रियों में 14 जेडीयू के, 12 भाजपा के और 1 लोजपा के हैं। गौरतलब है कि लोजपा से शपथ लेने वाले पशुपति कुमार पारस फिलहाल विधायक नहीं हैं, लेकिन रामविलास पासवान उनके लिए जगह बनवाने में सफल रहे, जबकि मांझी और कुशवाहा की अपनी-अपनी पार्टी के लिए यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई।
बता दें कि मधेपुरा जिला से नीतीश मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले रमेश ऋषिदेव पहली बार मंत्री बने हैं। जेडीयू से लगातार तीसरी बार विधायक ऋषिदेव वर्तमान में विधानसभा की अनुसूचित जाति-जनजाति समिति के सभापति थे। अब वे इसी विभाग के मंत्री होंगे। मंत्रिमंडल में सहरसा का प्रतिनिधित्व करने वाले दिनेश चन्द्र यादव दूसरी बार मंत्री बने हैं। इससे पूर्व वे 2005-2010 के बीच नीतीश मंत्रिमंडल के ही सदस्य रहे थे। उन्हें लघु सिंचाई एवं आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली है। महागठबंधन सरकार में मधेपुरा के प्रो. चन्द्रशेखर (आरजेडी) आपदा प्रबंधन मंत्री थे। लगातार 27 वर्षों से सुपौल से चुनाव जीत रहे और तब से लगभग हर सरकार में मंत्री रहे बिजेन्द्र प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के बाद मंत्रिमंडल के वरीयता क्रम में तीसरी जगह मिली है। उन्हें पूर्व की तरह ऊर्जा के साथ-साथ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी मिली है।
चलिए एक नज़र डालते हैं सारे मंत्रियों और उनके विभागों पर – 1. नीतीश कुमार – गृह, सामान्य प्रशासन, निगरानी, 2. सुशील कुमार मोदी – वित्त, वाणिज्य कर, वन एवं पर्यावरण, आईटी, 3. बिजेन्द्र प्रसाद यादव – ऊर्जा, उत्पाद व मध्य निषेध, 4. प्रेम कुमार- कृषि, 5. नंदकिशोर यादव – पथ निर्माण, 6. राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह – जल संसाधन, योजना विकास, 7. श्रवण कुमार – ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, 8. राम नारायण मंडल – राजस्व व भूमि सुधार, 9. जय कुमार सिंह – उद्योग व विज्ञान प्रौद्योगिकी, 10. मंगल पांडेय – स्वास्थ्य, 11. प्रमोद कुमार – पर्यटन, 12. कृष्ण नंदन वर्मा – शिक्षा, 13. महेश्वर हजारी – भवन निर्माण, 14. विनोद नारायण झा – पीएचईडी, 15. शैलेश कुमार – ग्रामीण कार्य, 16. सुरेश शर्मा – नगर विकास एवं आवास, 17. मंजू वर्मा – समाज कल्याण, 18. विजय कुमार सिन्हा – श्रम संसाधन, 19. संतोष कुमार निराला – परिवहन, 20. राणा रंधीर सिंह – सहकारिता, 21. खुर्शीद आलम उर्फ फिरोज अहमद – अल्पसंख्यक कल्याण व गन्ना उद्योग, 22. विनोद कुमार सिंह – खान व भूतत्व, 23. मदन सहनी – खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, 24. कपिल देव कामत – पंचायती राज, 25. दिनेश चन्द्र यादव – लघु सिंचाई, आपदा प्रबंधन, 26. रमेश ऋषिदेव – अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग, 27. पशुपति कुमार पारस – पशु एवं मत्स्य पालन विभाग, 28. कृष्ण कुमार ऋषि – कला-संस्कृति, 29. ब्रिजकिशोर बिंद – पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा विभाग।
सभी मंत्रियों को ‘मधेपुरा अबतक’ की शुभकामनाएं। हमें उम्मीद है कि नीतीश कुमार अपनी नई टीम के साथ सात निश्चय समेत अपने सभी निश्चयों को पूरा करेंगे, जिनमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना भी शामिल है। अब जबकि राज्य और केन्द्र का ‘दिल-दिमाग’ एक है, इसमें किसी व्यवधान या विलम्ब का प्रश्न नहीं उठना चाहिए।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप