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इसरो की ऐतिहासिक उड़ान : अंतरिक्ष में भेजे पांच उपग्रह

isro satellite

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में शुक्रवार की रात इतिहास रच दिया। इसरो के उपग्रह वाहन पीएसएलवी-सी 28 ने कल रात 9 बजकर 58 मिनट पर पांच ब्रिटिश व्यावसायिक उपग्रहों के साथ सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से उड़ान भरी। उड़ान भरने के 20 मिनट के अन्दर उसने 1,440 किलोग्राम वजन के इन पांचों उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो की इस सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। बता दें कि यह इसरो का अब तक का सबसे बड़ा व्यावसायिक मिशन था।

ये उपग्रह पृथ्वी की सतह पर रोजाना किसी भी लक्ष्य की तस्वीर लेने में सक्षम हैं। लगभग सात वर्षों तक चलनेवाले इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी पर संसाधनों और उसके पर्यावरण का संरक्षण, शहरी अवसंरचना का प्रबंधन और आपदा प्रबंधन है। पीएसएलवी की इस 30वीं उड़ान में तीन एक समान डीएमसी3 ऑप्टिकल पृथ्वी निगरानी उपग्रह थे जिनका निर्माण ब्रिटेन ने किया है। इसके साथ ही दो सहायक उपग्रह भी थे।

इस मिशन की कामयाबी इस लिए भी खास है कि ये उपग्रह उस ब्रिटेन के थे जिसने कभी हमें गुलामी की जंजीड़ों में जकड़ कर रखा था। क्या इस उपलब्धि में हमारी आज़ादी का असली जश्न छिपा नहीं है..? वास्तव में भारत की ये उपलब्धि गर्व करने के लायक है। बधाई, इसरो..!

 

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