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मोदी-शरीफ मुलाकात : हाथ नहीं, दिल मिले तो बात बने

Modi sarif meeting

रूस के शहर ऊफा में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच हुई बातचीत कई मायनों में सकारात्मक रही। नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री मोदी को 2016 में पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। अगले साल मोदी सार्क शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान जाएंगे।

दोनों नेताओं के बीच बातचीत स्थानीय समयानुसार सुबह 9.20 बजे शुरू हुई जो लगभग डेढ़ घंटे तक चली। पहले ये मुलाकात केवल 45 मिनट के लिए रखी गई थी। इस दोतरफा बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने मुंबई के 26/11 हमलों के आरोपियों के वॉयस सैंपल साझा करने पर सहमति जताई। इसके साथ ही आतंकवाद पर दोनों देशों के NSA बात करेंगे। बीएसएफ के डीजी और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच भी बातचीत होगी। आज की इस मुलाकात में हाफिज सईद और लखवी पर भी बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के मछुआरों और उनकी नौकाओं को छोड़ने का निर्णय भी लिया।

वार्ता प्रतिनिधिमंडल में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और विदेश सचिव एस. जयशंकर शामिल थे। पाकिस्तान की ओर से विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज सहित अन्य अधिकारी थे।

मोदी और शरीफ की इस मलाकात पर ना केवल भारत और पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया की नज़रें टिकी थीं। वार्ता से पहले दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन किया, लेकिन बात तो तब बनेगी जब दिल भी इसी तरह मिलेंगे। मुलाकात से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तानी सेना द्वारा उत्तरी कश्मीर के नौगाम सेक्टर (कुपवाड़ा) में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर अग्रिम भारतीय चौकियों को निशाना बनाना जिसमें बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया, मन में संदेह का बीज छोड़ गया। जब भी भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आपस में मिलते हैं, लगता है रिश्तों में सुधार होगा लेकिन हर बार उम्मीदों पर पानी फिरता रहा है। आज की यह मुलाकात बुनियादी स्तर पर दोनों देशों के रिश्तों में कितना बदलाव ला पाएगी, यह तो समय ही बताएगा।

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