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कवयित्री अलका वर्मा को मिला कौशिकी साहित्य रत्न !

Kaviyatri Alka Verma receiving honor from Founder Vice-Chancellor and Ex-MP Dr.RK Yadav Ravi , Shri Hari Shankar Shrivastav Shalabh , Dr.KK Mandal and Dr.Madhepuri

कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन संस्थान के अंबिका सभागार में कोसी की चर्चित कवयित्री (सम्प्रति प्राचार्या रामकृष्ण भुवनेश्वरी आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय त्रिवेणीगंज, सुपौल) श्रीमती अलका वर्मा के एकल काव्य पाठ का आयोजन 4 जून, 2017 (रविवार) को समारोहपूर्वक किया गया- जिसकी अध्यक्षता कोसी के वरिष्ठ साहित्यकार-इतिहासकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ ने की |

जहाँ मधेपुरा के सांसद रह चुके व मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति एवं कोसी के चर्चित साहित्यकार सह सम्मेलन के संरक्षक डॉ.रमेंद्र कुमार यादव रवि ने कवयित्री अलका वर्मा को अंग-वस्त्रम व प्रशस्ति पत्र प्रदानकर “कौशिकी साहित्य रत्न” से सम्मानित किया, वहीं इससे पूर्व सम्मेलन के यशस्वी सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा कवयित्री श्रीमती वर्मा की संपूर्ण काव्य-यात्रा को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए इस प्रकार उद्घोषणा की गयी-

विभिन्न प्रकार की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं से संबद्ध एवं क्रियाशील रहनेवाली, महिला सशक्तिकरण हेतु गृह जिला सुपौल द्वारा सम्मानित होनेवाली तथा “मुझे मेरे नाम से पुकारो” काव्य संग्रह के अलावे ‘कही अनकही’ एवं “गुलमोहर” कथा-संग्रह द्वय में जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को करीने से उकेरनेवाली और साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर छपते रहनेवाली श्रीमती अलका वर्मा को इस संस्थान के संरक्षक डॉ.रवि द्वारा सारस्वत सम्मान यानि “कौशिकी साहित्यरत्न” से सम्मानित किया जायेगा |

जहां एक ओर कवयित्री सह प्राचार्या श्रीमती अलका वर्मा द्वारा अपने एकल काव्यपाठ में दर्जनों कविताओं के पाठोपरांत श्रोताओं द्वारा खूब तालियां बटोरी गयी वहीं अपने समीक्षात्मक आशीर्वचन में वरिष्ठ साहित्यकार श्री शलभ और संस्थापक कुलपति डॉ.रवि ने विचार व्यक्त करते हुए यही कहा कि इनकी कविताएं अतुकांत होते हुए भी सरल है, सहज है और अंतरात्मा से निःसृत एवं गीत्यात्मक माधुर्य से  उतप्लावित है जो जीवन के यथार्थ से हमें साक्षात्कार कराती है | साहित्यकार द्वय ने नारी सशक्तिकरण में श्रीमती वर्मा के योगदान को रेखांकित करते हुए जमकर सराहना की |

मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं डि.लिट. प्राप्त समीक्षक डॉ.विनय कुमार चौधरी ने कवयित्री श्रीमती वर्मा के काव्य संग्रह ‘मुझे मेरे नाम से पुकारो’ की विस्तृत समीक्षा की और दर्शकों का ध्यान आकृष्ट किया |

भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति  रहे डॉ.के.के.मंडल, क्षणदा के संपादक सुबोध कुमार सुधाकर, मंडल विश्वविद्यालय के कुलसचिव रहे प्रो.शचीन्द्र, पूर्व प्राचार्य प्रो.श्यामल किशोर यादव आदि ने कवियत्री के कार्य की प्रशंसा करते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामनाऍ की |

दूसरे सत्र में स्थानीय कवि व साहित्यकारों प्रेम जी, सत्य जी एवं विनोद जी को स्मरण करते हुए आयोजित काव्य-गोष्ठी का संचालन डॉ.विनय कुमार चौधरी एवं डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने संयुक्तरुप से किया |

जिन कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं का पाठ किया, वे हैं- प्रेम और विरह के गीतकार सुबोध कुमार सुधाकर, प्रधानाचार्य  डॉ.विश्वनाथ विवेका, डॉ.विश्वनाथ सर्राफ, शंभू नाथ अरुणाभ, सुरेन्द्र भारती, उल्लास मुखर्जी, राजू भैया, डॉ.अरुण कुमार (फर्जी कवि), डॉ.विनय कुमार चौधरी एवं डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी | आयोजन में प्रमुख रुप से उपस्थित रहे- रघुनाथ प्रसाद यादव, अनिकेत श्रीवास्तव, प्राण मोहन यादव, डॉ.हरिनंदन यादव, श्यामल कुमार सुमित्र, डॉ.अरविन्द श्रीवास्तव आदि |

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