अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीते गुरुवार को सोनिया गांधी से हुई मुलाकात की चर्चा थमी भी नहीं थी कि अब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की भी कांग्रेस अध्यक्ष से मिलने जाने की बात सामने आ रही है। हालांकि उनकी मुलाकात की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
बताया जाता है कि नीतीश ने देश भर में भाजपा विरोधी अभियान की शुरुआत को लेकर सोनिया से मुलाकात की थी। साथ ही इस बैठक में दोनों के बीच राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर भी चर्चा हुई। जेडीयू का मानना है कि विपक्ष को मिलकर राष्ट्रपति पद के लिए एक ही उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए और विपक्ष की सबसे वरिष्ठ नेता होने की वजह से सोनिया गांधी को आगे आकर राजनीतिक दलों से बातचीत करनी चाहिए।
हालांकि नीतीश इससे पूर्व भी कई बार कह चुके हैं कि बिहार की तरह राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपा दलों के महागठबंधन को ले कांग्रेस पहल करे। लेकिन यहां ध्यान देने की बात यह है कि महज चार दिन पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के सिलसिले में पटना में थे। इस दौरान वे नीतीश और लालू दोनों के साथ एक ही मंच पर थे। चूंकि राहुल गांधी से हुई इस मुलाकात के तुरंत बाद नीतीश ने सोनिया से मुलाकात की है, इसीलिए इसके अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं। भाजपा खेमे के लोग इसे लालू पर दबाव बनाने की नीतीश की राजनीति बता रहे हैं।
बहरहाल, देखा जाय तो लालू की कांग्रेस के प्रति ‘निष्ठा’ पर कोई प्रश्नचिह्न नहीं उठाया जा सकता। लेकिन महागठबंधन बनने के पूर्व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उन से ज्यादा नीतीश को तवज्जो दी थी। अब जबकि नीतीश और लालू दोनों अलग-अलग कांग्रेस अध्यक्ष से मिल रहे हैं, जाहिर है कुछ तो नया बिहार की राजनीति में भी देखने को मिलेगा।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप