जरा ध्यान से देखिए कैसा सजीव संयोग है- बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और शिवनंदन प्रसाद मंडल के बीच | दोनों प्रखर विधिवेत्ता और दोनों उच्चकोटि के विद्वान | दोनों की 126वीं जयंती | एक की 14 अप्रैल को धूमधाम से मनी और दूसरे की आज (18 अप्रैल को) है |
यह भी जानिए कि दोनों क्रान्तिवीरों के जन्मदिन में मात्र 5 दिनों का अंतर, परंतु दोनों 5 साल के अंतराल में प्रथम विधि मंत्री बने- अंबेडकर भारत सरकार में प्रथम लॉ मिनिस्टर (1947 में) बने और शिवनंदन बिहार सरकार के प्रथम लॉ मिनिस्टर (1952 में) बने |
हां ! यह भी याद कर लीजिए कि बाबा साहब का जन्मदिन है- 14 अप्रैल, 1891 तो वही शिवनंदन बाबू का 18 अप्रैल, 1891………| है न 5 दिनों का अंतर !
चूँकि आज शिवनंदन बाबू का जन्मदिन है | उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को जानने का दिन है | अतः उनकी 2-4 बातें आने वाली पीढ़ी के लिए- शिवनंदन प्रसाद मंडल प्रखर स्वतंत्रता सेनानी रहे | स्वतंत्रता संग्राम के दरमियान चार बार जेल गये | वर्षों इन्होंने जेल की यातनाएं सही | कहने को तो बहुत कुछ है बस एक वाकया सुन लीजिए-
वर्ष 1943, स्थान नेपाल का सघन जंगल- “बोकरो का टापू” जहाँ जयप्रकाश नारायण आजाद दस्ते के लगभग 500 आन्दोलनकारियों को ट्रेनिंग दे रहे होते हैं और डॉ.राम मनोहर लोहिया ट्रान्समीटर ऑपरेटर बनकर आंदोलनकारियों को आवश्यक संदेश भेजा करते………| संयोगवश कुछ विशेष बातों को लेकर शिवनंदन बाबू ट्रेनिंग समापन के दिन ही वहां पहुंचते हैं और उनकी ही अध्यक्षता में समापन समारोह का आयोजन होता है……… जिसमें लोहिया-जेपी की उपस्थिति में समापन भाषण के अंत में यह शपथ दिलाई जाती है-
“जब तक जीवित रहूंगा आर्यावर्त के कल्याण में लगा रहूंगा | भारत की बेबस जनता, जो नाना प्रकार के कष्ट भोग रही है उसका उद्धार करूंगा…….. और आजादी के लिए यदि प्राण न्योछावर करने की जरूरत पड़ेगी तो पैर पीछे नहीं हटाऊंगा |”
इन्ही पंक्तियों को भावी पीढ़ी के लिए बचाकर रखने हेतु- “इतिहास पुरुष शिवनंदन प्रसाद मंडल…….” की रचना डॉ.मधेपुरी ने की | विगत वर्षों में उन्हीं के नामवाले शिवनंदन प्रसाद मंडल उच्च माध्यमिक विद्यालय मधेपुरा के तत्कालीन प्राचार्या डॉ.शान्ति यादव द्वारा आयोजित मंडल जयंती के अवसर पर इस पुस्तक का लोकार्पण बीएनएमयू के संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि एवं तत्कालीन वर्तमान कुलपति डॉ.अनंत कुमार द्वारा विश्व विद्यालय सिंडिकेट सदस्य विद्यानंद यादव, साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ एवं लेखक डॉ.मधेपुरी की गरिमामयी उपस्थिति में की जा चुकी है |
यह भी जानिए कि आधुनिक बिहार के निर्माताओं में अव्वल स्थान हासिल करने वाले क्रांतिवीर शिवनंदन……. की जीवनी- “इतिहासपुरुष शिवनंदन प्रसाद मंडल…..” लिखी है डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने | पुराने स्नेहिल संबंध रखनेवाले बिहार के मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके डॉ.जगन्नाथ मिश्र को इस पुस्तक की एक प्रति जब डॉ.मधेपुरी ने हस्तगत कराई तो डॉ.मिश्र ने डॉ.मधेपुरी की इस कृति पर चन्द शब्दों में यही कहा-
“…………….शिवनंदन बाबू पर लिखी गई इस पुस्तक में शोध और संवेदना का दुर्लभ संगम है | इस पुस्तक का पारायण करते हुए कभी मैं सुखद विस्मय से भर उठता तो कभी गौरव की अनुभूति आंखों से छलक पड़ती | सोचता हूं, डॉ.मधेपुरी ने अगर यह पुस्तक नहीं लिखी होती तो बिहार की आने वाली पीढ़ी अपने इतिहास के इतने गौरवशाली अध्याय से कैसे अवगत हो पाती………………..”
अंत में डॉ.मिश्र ने इस पुस्तक के बारे में यहां तक लिख डाला है कि यह विचार का ऐसा पुंज है जो कितने भटके हुए को राह दिखायेगी……….|