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यदि मुझे भारत का डिक्टेटर बना दिया जाय तो…..

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी सदा देशवासियों से यही कहा करते – “ मैं शराब को चोरी और व्यभिचार दोनों से ज्यादा ख़राब मानता हूँ ,क्योंकि शराब मनुष्य के शरीर और आत्मा दोनों का विनाश करती है … यदि मुझे भारत का डिक्टेटर बना दिया जाय तो शराब की सभी दुकानों को बिना मुआवजा दिये बन्द करा दूँगा | ”

भारत आज़ाद हुआ परन्तु बापू हमारे बीच अधिक दिनों तक नहीं रह पाये | बापू के कुछ पक्के और सच्चे अनुयायिओं यथा मोरार जी देसाई….. कर्पूरी ठाकुर जैसों ने कोशिश की, परन्तु अधिक दिनों तक शराब बन्दी को कायम नहीं रख पाये | आजकल की सरकार तो शराब बंदी से ध्यान हटाकर प्रत्येक पंचायत के हर गाँव में शराब दूकान खोलने का लाइसेंस देना आरम्भ कर दी है | इतना ही नहीं गाँव के टोला-टप्पर में भी धड़ल्ले से शराब भट्टी खोलने का लाइसेंस बाँट रही है | शहर में तो पुलिस की उपस्थिति और लाल-टोपी से डरते भी हैं लोग, परन्तु जरा सोचिएबापू के गांवों का हाल क्या होगा ?? भारत का गाँव तो गरीब है ही ऊपर से डेग-डेग पर शराब की दुकान – जहाँ बिना किसी खौफ के मजदुर क्लास के लोग भी अपनी महिलाओं को बढ़-चढ़कर यातनाएं देते हैं | यही जानें की शहर से लेकर गाँव तक की महिलाओं के साथ शराबी पतियों द्वारा अत्याचार किये जाते हैं | घर खंडित हो रहा हैं | समाज टूट रहा है | विकास अवरुद्ध हो रहा है तथा बच्चे स्कूल से दूर हो रहे हैं |

तभी तो आये दिन कभी जिले में तो कभी कमिश्नरी मुख्यालय में या फिर कभी राज्यस्तर पर भी महिलाओं द्वारा शराब बन्दी के लिए “थाली बजाओ रैली” निकली जाती है | सरकार की चेतना को जगाई जाती है | समय-समय पर विभिन्न महिला संगठनों द्वारा थाली पीट-पीट कर विरोध दर्ज किया जाता है | पुतले भी जलाये जाते हैं | महिलाओं द्वारा इस पहल की आम लोग भी मौन समर्थन करते हैं |

हाल ही में राष्ट्रीय महिला ब्रिगेड दुर्गादस्ता एवं रास्ट्रीय युवा ब्रिगेड के संयुक्त बैनर तले सहरसा पटेल मैदान से ज़िलाद्यक्ष त्रिफुल्ल देवी व सबीना खातून के नेतृत्व में महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म , अत्याचार को लेकर स्टेशन तक शराब बन्दी की मांग हेतु थाली बजाई गयी | तो कुछ दिन पहले मधेपुरा में डॉ.शांति यादव के नेतृत्व में कोसी वुमन डिग्निटी फोरम के बैनर तले महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्मों को लेकर “थाली बजाओ रैली” निकाली गई |

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