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नीतीश कुमार को अणुव्रत सम्मान

Anuvrat Samman to Nitish Kumar

बिहार में शराबबंदी लागू करने और इसे राष्ट्रव्यापी चर्चा का विषय बनाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अणुव्रत सम्मान से सम्मानित किया गया। बता दें कि जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ अणुव्रत समिति का यह सर्वोच्च पुरस्कार है, जिसमें प्रतीक चिह्न के अतिरिक्त 1 लाख 51 हजार की सम्मान-राशि भी दी जाती है। इस राशि को नीतीश ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दिया। मंगलवार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित इस सम्मान-समारोह में बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।

इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह पुरस्कार उन लोगों के लिए है जिन्होंने शराबंबदी के बाद शराब से मुक्ति पा ली। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से लोगों के चेहरे की खुशी लौटी है। चारों तरफ आज शांति का माहौल है। हर धर्म और संप्रदाय के लोग शराबबंदी के समर्थन में हैं। पूरे देश में शराबबंदी की आवाज़ उठ रही है। मुझे पक्का भरोसा है कि जो लोग शासन में हैं उन पर इसका असर पड़ेगा। शराबबंदी का निर्णय कोई राजनीतिक निर्णय नहीं है। मैं इसे सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद मानता हूं।

शराबबंदी के लिए आत्मानुशासन पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप चाहे जितना सख्त कानून बना लीजिए पर इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है आत्मानुशासन। बगैर इसके शराबबंदी सफल नहीं हो सकती। नीतीश ने शराबबंदी के कारण राजस्व के नुकसान की आशंका जताए जाने की चर्चा भी की और  कहा कि इससे कुछ फर्क नहीं दिखा है। इस बार राजस्व संग्रह उस स्तर पर पहुंच गया है जो इसके पूर्व के वित्तीय वर्ष में था।

इस अवसर पर अपने सारगर्भित संबोधन में नीतीश ने यह भी कहा कि देश में आज अतिवाद का दौर है और समाज में असहिष्णुता का माहौल व्याप्त है, जिससे हमें बाहर निकलना होगा। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह स्थिति केवल भारत की ही नहीं बल्कि वैश्विक है।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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