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जिला प्रशासन की निगाहें केवल पैसे पर……

विगत कई वर्षों से मधेपुरा के भूपेन्द्र कला भवन और बी.पी.मंडल नगर भवन में ढेर सारे गैर-सरकारी कार्यक्रम होते रहे हैं | आयोजकों द्वारा प्रतिदिन का भाड़ा तीन हजार रुपया नजारत में जमा कराये जाते हैं परन्तु एवज में अन्य जन सुविधाएँ तो दूर , दोनों भवनों के अन्दर जो पंखे लगे हैं उनमें मंच सहित अन्य पांच से लेकर दस पंखे न जाने कब से बन्द पड़े हैं |

आयोजित कार्यक्रमों में राज्यस्तरीय ही नहीं बल्कि कई अवसर पर तो रास्ट्रीय स्तर के राजनेता भी मंच पर बार-बार पसीना पोंछते हुए एवं बंद पड़े हुए पंखे को निहारते हुए दीखते रहे हैं |

तुर्रा तो यह है कि विगत नेपाल भूकंप के दिनों में यहाँ भी धरती बार-बार डोलती रही उसी दरम्यान एक कान्वेंट स्कूल के वार्षिकोत्सव हेतु नजारत में तीन हजार रू. जमा किये गये , परन्तु उसी सुबह धरती डोल जाने के कारण उद्घाटनकर्ता द्वारा कार्यक्रम को स्थगित करने की सलाह दी गई , तब भी प्रशासन माफ़ नहीं किया , कुछ पैसे काट ही लिए | न जाने आगे और कब तक जिला प्रशासन इन दोनों भवनों में हवा, पानी एवं जनसुविधाएँ बहाल करेगी अथवा आयोजकों के पैसे पर ही नजरें टिकाये रहेंगी |

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