पूर्वी वायपास में श्री शिव होण्डा शो-रुम के पास ‘सीता सदन’ परिसर में बच्चों के लिए विद्या भारती फाउंडेशन स्कूल का शुभारंभ किया गया | समाज में कबीर के विचारों को फैलाने वाले समाजसेवी दीनेश प्रसाद यादव की अध्यक्षता में सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित किया- उद्घाटनकर्ता के रूप में बिहार सरकार के पूर्व विधि मंत्री व वर्तमान विधायक (आलमनगर) श्री नरेन्द्र नारायण यादव, मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के रुप में शहर के जाने-माने शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, डॉ.ब्रहमदेव प्रसाद ( प्रख्यात चिकित्सक, पूर्णिया ), प्रो.जटाशंकर प्रसाद आदि ने |
बता दें कि संरक्षक व चेयरपर्सन डॉ.गणेश प्रसाद एवं निदेशिका श्रीमती साधना प्रसाद द्वारा बच्चों को उनकी नींव-निर्माण काल में अतुलनीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनेवाला एक नवीन संकल्पनायुक्त विद्या भारती फाउंडेशन स्कूल की स्थापना की गई है | यह स्कूल तत्काल स्टैंडर्ड 1 से स्टैंडर्ड 5 तक का ही होगा और प्रत्येक वर्ग में मात्र 24 बच्चे-बच्चियों का नामांकन हो पायेगा | वर्ग 3 से लेकर 5 तक के बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध है |
यह भी बता दें कि उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों एवं शिक्षाविदों के बीच माननीय उद्घाटनकर्ता एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा स्कूली-व्यवस्था, शिक्षक-छात्र और अभिभावकों को संदर्भित करते हुए विस्तार से संबोधित किया गया | साथ ही प्रो.त्रिवेणी प्रसाद यादव, डॉ.मनोरंजन सिन्हा, महासचिव डॉ.अशोक कुमार, डॉ.आलोक कुमार, SBI के संतोष झा, डॉ.अरुण कुमार, वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, प्रो.विनोद कुमार सिंह, हर्षवर्धन सिंह राठौड़, प्रो.अतुल कुमार मल्लिक एवं रतन अलीना कासमी आदि ने भी मौके पर उद्गार व्यक्त किया |
इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ.मधेपुरी ने यही कहा कि जब मधेपुरा 1845 में अनुमंडल बना था तो 50 वर्षों के बाद ही एक स्कूल की स्थापना हुई थी और आज यहां बच्चों के लिए 50 स्कूल्स पूर्व से चल रहे हैं | डॉ.मधेपुरी ने कहा कि यहाँ तब तक स्कूल खुलते रहना चाहिए जब तक महान स्वतंत्रता सेनानी, आधुनिक बिहार के निर्माता और बिहार के प्रथम विधि मंत्री शिवनंदन प्रसाद मंडल की संकल्पना पूरी होती न दिखे जिन्होंने कहा था- “No soul should remind uneducated on the earth”.
अंत में अध्यक्ष के निर्देशानुसार स्कूल प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापित किया | मंच संचालन पृथ्वीराज यदुवंशी ने किया |