कोसी जैसे पिछड़े इलाके में होने और सीमित संसाधनों के बावजूद मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, और अब जिला मुख्यालय स्थित यह पहला कॉलेज बन गया है जिसने नैक (NAAC – National Assessment & Accreditation Council) से ग्रेड हासिल किया हो। गौरतलब है कि 22 फरवरी को नैक की ओर से जारी की गई सूची में बिहार के नौ संस्थानों को ग्रेडिंग दी गई है, जिनमें मधेपुरा कॉलेज भी एक है। मधेपुरा कॉलेज को नैक ने पहले प्रयत्न में ही बी ग्रेड दिया है, जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार इसे मधेपुरा कॉलेज के इतिहास और विकास में मील का पत्थर बताते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि इसके साथ ही कॉलेज उच्च शिक्षा के राष्ट्रीय मानचित्र से जुड़ गया है।
मधेपुरा कॉलेज की इस सफलता के क्या मायने हैं, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जिन नौ संस्थानों को नैक की इस विशिष्ट सूची में जगह मिली है उसमें भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय से केवल दो महाविद्यालय हैं। पहला, बी ग्रेड हासिल करने वाला मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा और दूसरा अररिया कॉलेज, अररिया जिसे सी ग्रेड मिला है। बहरहाल, इन दो कॉलेजों के अतिरिक्त जिन अन्य सात कॉलेजों को नैक की ग्रेडिंग मिली है, वे हैं – सुखदेव महतो जनता महाविद्यालय (मधुबनी), खेमचंद ताराचंद कॉलेज (पूर्वी चंपारण), श्रीनारायण सिंह कॉलेज (मोतिहारी), महिला शिल्प कला भवन कॉलेज (मुजफ्फरपुर), ललित नारायण तिरहुत महाविद्यालय (मुजफ्फरपुर), डॉ. एलकेवीडी कॉलेज (समस्तीपुर) एवं कुंवर सिंह कॉलेज (दरभंगा)। नैक से मान्यता मिलने के साथ ही ये सभी कॉलेज 13वीं पंचवर्षीय योजना में फंड सहित केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त कई सुविधाओं के हकदार हो गए हैं।
मधेपुरा कॉलेज की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर ‘मधेपुरा अबतक’ ने मधेपुरा के वरिष्ठ शिक्षाविदों से बात की। भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति, मधेपुरा के पूर्व सांसद एवं राज्यसभा में दो बार बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुके डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने कहा कि मधेपुरा कॉलेज ने अपनी इस उपलब्धि से न केवल मधेपुरा बल्कि सम्पूर्ण कोसी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा का अद्भुत प्रतिमान गढ़ दिया है। इस विश्वविद्यालय का संस्थापक कुलपति होने के नाते यह मेरे लिए विशेष गौरव का विषय है। यह महाविद्यालय इस इलाके में नई शिक्षा-क्रांति का अगुआ बने, ऐसी मेरी शुभकामना है।
प्रख्यात शिक्षाविद्-साहित्यकार एवं भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा-नियंत्रक डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने ‘मधेपुरा अबतक’ से बात करते हुए बताया कि मैंने इस ‘पूत’ के पांव ‘पालने’ में ही देख लिए थे। उन्होंने कहा कि मैं इस महाविद्यालय के कई महत्वपूर्ण पलों का साक्षी रहा हूं। इस महाविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में शिरकत करते हुए मैंने एक बार नहीं कई बार कहा है कि एक दिन यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय का स्वरूप लेगा। नैक से मान्यता हासिल करना वास्तव में उसी दिशा की ओर बढ़ा कदम है।
गौरतलब है कि नैक से मान्यता प्राप्त करने के लिए संस्थापक प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार के नेतृत्व में कॉलेज के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों ने दिन-रात एक कर कॉलेज के हर विभाग को नैक के मापदंडों के अनुरूप अपडेट किया था। विगत 6 और 7 फरवरी को कॉलेज के दो दिवसीय दौरे और निरीक्षण के लिए आई नैक की पीयर टीम कॉलेज के तमाम प्रयासों से संतुष्ट दिखी थी। अब जबकि इस कॉलेज को नैक की विधिवत मान्यता मिल गई है, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार का कहना है, “अब हमारी नैतिक और व्यावहारिक जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब कॉलेज को न केवल नैक के ए व ए प्लस ग्रेड के लिए कार्य करना है, बल्कि भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के विकास में भी अपनी भूमिका निभानी है।”
प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार ने कॉलेज की इस उपलब्धि के लिए कुलपति डॉ. बिनोद कुमार, कुलसचिव डॉ. केपी सिंह, सीसीडीसी डॉ. अनिलकांत मिश्रा, नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह एवं प्रॉक्टर डॉ. बीएन विवेका सहित विश्वविद्यालय के तमाम वरीय अधिकारियों के योगदान का उल्लेख करते हुए उनका आभार जताया है। साथ ही नैक के दौरे के दौरान कॉलेज की स्टीयरिंग कमिटी के कॉर्डिनेटर श्री पंकज कुमार, उपप्राचार्य डॉ. भगवान कुमार मिश्रा, दिन-रात कॉलेज की मॉनिटरिंग में लगीं गृहविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम यादव, प्रो. मनोज भटनागर, प्रो. सच्चिदानन्द सचिव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुश्ताक मोहम्मद, डॉ. अमरदीप, डॉ. सोनी सहाय, डॉ. सुनील कुमार सिंह, प्रो. मणिभूषण वर्मा, प्रो. अभय कुमार, प्रो. चन्देश्वरी यादव, प्रो. ब्रह्मदेव यादव, प्रो. जयनारायण साह, प्रो. निखिलेश कुमार, बीएड प्रभारी विज्ञानानंद सिंह, आईक्यूएसी के डॉ. संजय कुमार, एनसीसी के लेफ्टिनेंट गौतम कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी विवेकानंद कुमार, संगीत विभाग की प्राध्यापिका भारती, एनएसएस के प्रो. बिजेन्द्र मेहता, आरती झा, प्रो. अरविंद कुमार तथा बीसीए कॉर्डिनेटर संदीप शांडिल्य समेत सभी वरिष्ठ शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों, पूर्ववर्ती छात्रों एवं तमाम अभिवावकों की सराहना की है।