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राबड़ी ने कहा, जनता की इच्छा है कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बने

Rabri with Tejaswi

लीजिए, अभी ये चर्चा थमी भी नहीं थी कि लालू को पहले अपने बेटों को और ‘परिपरक्व’ होने देना चाहिए था और तब उन्हें उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जैसा पद सौंपना चाहिए था कि अब उनके छोटे साहबजादे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई (या उठवाई) जा रही है। अरे भाई, ये राजनीति की ‘पाठशाला’ है, पढ़ने बैठो तो पूरी उम्र भी कम है और ये ‘पाठशाला’ देने बैठे तो महज कुछ पाठ पढ़कर सारी डिग्रियां ले लो!

बहरहाल, इधर हाल ही में आरजेडी के कई विधायकों और कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की ताजपोशी की तर्ज पर बिहार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी। हालांकि बाद में तेजस्वी ने समझदारी दिखाते हुए यह कहकर इससे किनारा कर लिया था कि अभी महागठबंधन की सरकार ठीक ढंग से चल रही है और मुख्यमंत्री पद के लिए कोई ‘वैकेंसी’ नहीं है। पर अब तेजस्वी की मां और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधायकों की इस ‘मांग’ का समर्थन कर मामले को नई हवा दे दी है।

दरअसल गुरुवार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन था और राबड़ी विधानसभा परिसर में पत्रकारों से मुखातिब थीं। पत्रकार उनसे पूछ बैठे कि आरजेडी विधायकों और कार्यकर्ताओं की मांग पर उनकी क्या राय है? इस पर राबड़ी ने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा कि विधायकों की मांग सही है। लोकतंत्र में जनता मालिक होती है। जनता की यह इच्छा है कि तेजस्वी बिहार का मुख्यमंत्री बने। जो जनता चाहती है, वही होना चाहिए।

राबड़ी के इस बयान पर जेडीयू के महासचिव श्याम रजक ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की सबको स्वतंत्रता है। महागठबंधन के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार हैं। वहीं, कांग्रेस ने इसे आरजेडी का अंदरूनी मामला बताया। उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर अपने विधायकों को चुप रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि विधायक कोई ऐसी बात न बोलें जिससे महागठबंधन की सेहत पर असर पड़े। वैसे नीतीश को जानने वालों को यह अच्छी तरह पता है कि नीतीश ऐसी बातों पर अनावश्यक अपनी ऊर्जा खपाने की जगह मौके पर चौका मारने में कैसी महारत रखते हैं।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप 

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