प्रभात खबर के ब्यूरो चीफ रुपेश कुमार रूपक की पूरी टीम द्वारा अपने अखबार का 6वाँ वार्षिकोत्सव इस वर्ष वृक्षारोपण करके मनाया गया | भला क्यों नहीं, वृक्ष खुद धूप में रहकर सबको छाया देता है | समता, सरसता और सद्भाव का संदेश भी देता है | ग्रीन बिहार का सपना पूरा करता है | औषधीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ-साथ पर्यावरण को समृद्ध भी करता है |
इस नायाब कार्यक्रम में जिले के डायनेमिक डी.एम. मो.सोहैल, एसपी विकास कुमार, जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी, सिविल सर्जन डॉ.गदाधर पांडे, समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, नगर परिषद अध्यक्ष डॉ.विशाल कुमार बबलू, रेड क्रॉस के सचिव डॉ.अरुण कुमार मंडल, एस.बी.आई. के शाखा प्रबंधक संजय कुमार करण, एएसपी राजेश कुमार, अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार सहित सीएमओ एवं अन्य गणमान्य शामिल हुए |
यह भी जानिये कि वृक्षारोपण का स्थान-सिविल सर्जन कार्यालय के सामने का मैदान- जहाँ छाया की ही नहीं बल्कि सर्वाधिक शुद्ध ऑक्सीजन की जरूरत भी रहती है | मैदान के किनारे-किनारे दर्जनों ‘महोगनी’ के वृक्षों का सुरक्षात्मक उपायों के साथ रोपण किया गया |
जहाँ मो.सोहैल (भा.प्र.से.) ने औषधीय पेड़ ‘अर्जुन’ लगाने की चर्चा करते हुए मोहगनी के पौधे को मिट्टी में, नमी की उपलब्धता प्राप्त होने तक, नीचे ले जाकर रोपने की सलाह दी, वहीं पौधे पर हाथ से मिट्टी डालते हुए कहा कि अंत में सबों को इसी मिट्टी के अंदर चला जाना है | कार्य व्यवस्था के कारण एसपी विकास कुमार (भा.पु.से.) ने संक्षेप में बस यही कहा कि एक वृक्ष को लगाने में केवल दो सौ रूपये लगते हैं परंतु उसके पोषण में सावधानी के साथ-साथ दो हज़ार रूपये तक व्यय करने पड़ते हैं |
यह भी जानिये कि सिविल सर्जन डॉ.गदाधर पांडेय, एएसपी राजेश कुमार, जीप अध्यक्ष मंजू देवी सहित उपस्थित गणमान्यों ने डी.एम मो.सोहैल के सुर-में-सुर मिलाते हुए प्रभात खबर के 6वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर यही कहते सुना गया कि प्रभात खबर जन समस्याओं को उजागर कर समाज के विकास में अग्रणी भूमिका निभाते हुए दबे-कुचलों की आवाज बन गयी है |
दूसरे चरण में डी.एम. मो.सोहैल एवं उपस्थित गणमान्यों द्वारा सम्मिलित रुप से शांति कपोत की जगह बैलून-गुच्छ उड़ाते देखकर समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी के अंतरमन में यह विचार उठने लगा कि यदि सभी लोग वृक्ष और बैलून की तरह सदा ऊपर की ओर बढ़ता रहा तो समाज शनै:-शनै: कुरीतियों से मुक्त होकर एक-न-एक दिन शक्ति संपन्न अवश्य बनेगा | भला क्यों नहीं, वृक्ष और मनुष्य का गहरा संबंध तो आदिकाल से ही रहा है | भोजन, वस्त्र और आवास जैसी आवश्यक आवश्यकताओं का समाधान मनुष्य के लिए इन वृक्षों ने ही तो किया है | तभी तो वृक्षारोपण को जीवनोपयोगी कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है |