बिहार की नीतीश सरकार द्वारा जहाँ सात निश्चयों में एक- युवाओं को “उच्च शिक्षा का हल: आर्थिक बल” सहित स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग देने की सोच है वहीं ‘हर घर : नल का जल’, सभी घरों में शौचालय………… आदि निश्चयों के माध्यम से विकसित बिहार बनाने के प्रावधान किये जा रहे हैं वहीं इस जिले के प्रभारी मंत्री (ऊर्जा मंत्री) बिजेन्द्र प्रसाद यादव के इस बाबत दिये गये निदेशों को डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (भा.प्र.से.) की टीम पूरी तन्मयता के साथ अमलीजामा पहनाने हेतु प्रयासरत देखे जा रहे हैं |
इन निश्चयों को ऊंचाई प्रदान करने हेतु विद्युत आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए जिले के डीएम मो.सोहैल द्वारा 30 करोड़ की लागत से मधेपुरा, मुरलीगंज, उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज एवं आलमनगर में छह नये पावर स्टेशनों के निर्माण के बाबत जगहें चयनित भी कर ली गयी हैं | मधेपुरा में दो स्थानों मानिकपुर एवं धुरगाँव के अतिरिक्त शेष 4 स्थान क्रमशः परमानंदपुर, शहजादपुर, बभनगामा, गंगापुर चुन लिया गया है | प्रत्येक पावर स्टेशन के निर्माण में 5 करोड़ रुपये की लागत आयेगी |
यह भी बता दें कि पावर स्टेशन के निर्माण को लेकर जहां जिला प्रशासन द्वारा जगहों को चिन्हित कर राज्य सरकार को सूची भेज दी गयी है और जिसकी स्वीकृति भी प्रदान कर दी गयी है वहीं विद्युत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पावर सब स्टेशन का निर्माण कार्य स्वीकृत राशि 30 करोड़ के आवंटन प्राप्त होते ही अप्रैल माह से निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया जायेगा | बता दें कि सभी छह स्टेशनों का निर्माण कार्य दो वर्षों के अंदर पूरा कर लिया जायेगा |
विद्युत विभाग ने माननीय मुख्यमंत्री के सात निश्चयों को शीघ्रातिशीघ्र धरती पर उतारने हेतु निर्माण की जिम्मेदारी गोपी कृष्णा एजेंसी को सौंप दिया है | विद्युतिकरण से वंचित गांव में विद्युत आपूर्ति करने के लिए इन नये सब-स्टेशनों के निर्माण को जल्दबाजी में पूरा किया जाना जरूरी है | ऐसा होगा तभी ‘हर घर में नल का जल’ पहुंचेगा और बिहार विकसित बिहार की ओर कदम बढ़ायेगा |