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पटना या दिल्ली में नहीं लगता नीतीश का मन

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विकास यात्रा, न्याय यात्रा, प्रवास यात्रा, धन्यवाद यात्रा जैसी कई यात्राओं के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब ‘निश्चय यात्रा’ पर निकलेंगे। छठ पूजा के बाद 9 नवंबर को निश्चय यात्रा पर निकलने की घोषणा करते हुए नीतीश ने कहा कि “पटना या दिल्ली में मेरा मन नहीं लगता, मुझे ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा लगाव है।”  निश्चय यात्रा के दौरान नीतीश जिला स्तर पर पूर्ण शराबबंदी के प्रभाव और सरकार के सात निश्चयों के तहत हो रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पटना में सात निश्चयों में शामिल ‘घर तक पक्की गली-नलियां’ का शुभारम्भ करते हुए कहा कि “विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को एक-एक कर कार्यान्वित किया जा रहा है। इसकी समीक्षा के लिए 9 नवंबर से मैं निश्चय यात्रा पर निकलूंगा। इस दौरान लोगों से मिलकर इन विकास कार्यों के विषय में जानकारी लूंगा।” बता दें कि इससे पहले नीतीश प्रमंडल स्तर पर शराबबंदी और सात निश्चयों के तहत हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा कर चुके हैं।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने लोगों से सात निश्चयों के तहत कई वादे किए थे। इसके तहत ‘हर घर, नल का जल’, ‘शौचालय निर्माण – घर का सम्मान’ सहित कई विकास योजनाएं शामिल हैं। बकौल नीतीश ये सारी योजनाएं ग्रामीणों से बातचीत और उनके अनुभव के आधार पर ही बनाई गई हैं।

बहरहाल, नीतीश को उनकी नई यात्रा के लिए शुभकामनाएं। ये अच्छी बात है कि नीतीश ‘मन लगाने’ को गांवों-कस्बों और जिलों की ओर रुख कर रहे हैं। उन्हें पता है कि वे देश-दुनिया में चाहे जितना घूम-टहल लें, उनके हर पथ का ‘पाथेय’ बिहार में ही है। जड़ को मजबूत रखे बिना शाखाएं और टहनियां सुरक्षित नहीं रह सकतीं, इसका भान उन्हें जब तक रहेगा, तब तक वे बिहार और देश की राजनीति में प्रासंगिक बने रहेंगे।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

 

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