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मेडिकल पढ़ाई हेतु अपनी देह-दान करेंगे शिक्षक रमेश बाबू

Ramesh Babu

समाजसुधारक व राष्ट्रभक्त रासबिहारी लाल मंडल के नाम वाले स्थानीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक रह चुके रमेश चन्द्र यादव उर्फ नागेन्द्र बाबू ने रासबिहारी बाबू के जीवन से सामाजिक सेवा की प्रेरणा पाकर एवं बंगाल के मुख्यमंत्री रहे ज्योति बसु के पदचिन्हों पर चलने का निर्णय लेकर ही मृत्यु के बाद अपना शव मधेपुरा के कर्पूरी मेडिकल कॉलेज अथवा भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान देने का संकल्प लिया है |

ऐसा निर्णय लेने के पीछे रमेश बाबू की सोच से आम लोगों को अवगत कराने के लिए मधेपुरा अबतक को उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत के लिए मृत देह अमूल्य है | सिर्फ जनरल पढ़ाई लिखाई ही नहीं, आगे के शोध एवं जटिल ऑपरेशन में दिग्गज सर्जन्स के लिए भी यह देह रोशनी का काम कर कई जिन्दगियाँ बचाती हैं | भविष्य में भी देहदान ही बनाता रहेगा बेहतर डॉक्टर |

यह भी जानें कि उनके बड़े बेटे शिक्षक अशोक कुमार ने बताया कि उनका संपूर्ण परिवार पिताश्री के इस संकल्प को सम्मान के साथ सहमति प्रदान किया है | पुत्र अशोक ने यह भी कहा कि पिताश्री की मृत्यु के बाद या तो मधेपुरा के मेडिकल कालेज या भागलपुर मेडिकल कालेज के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के लिए पिताश्री के शव को हस्तगत कराने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी |

बहरहाल शिक्षक रमेश चन्द्र यादव मधेपुरा नगर परिषद के वार्ड नंबर 14 के स्थाई निवासी हैं | हमेशा छात्रों के बीच लोकप्रिय रहे हैं तथा अंतर्कोष लुटाते रहे हैं | यूँ 2005 में ही सेवानिवृत्त होने के बावजूद आज भी छात्रों से घिरे रहते हैं |

यह भी जान लेना जरुरी है कि इस देह दान की बाबत रमेश बाबू ने बिहार के मुख्य सचिव, डीएम मधेपुरा तथा सिविल सर्जन मधेपुरा को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने हेतु आवेदन भी दिया है जिसमें उन्होंने यही भाव भरा है कि यदि उनकी मृत्यु के बाद मेडिकल छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों के लिए उनकी देह का उपयोग हो तो सदैव उनकी आत्मा को महान दानवीर होने की अनुभूति होती रहेगी |

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