Menu

अनोखे रक्षाबंधन का साक्षी बना मधेपुरा

Brahmakumari Ranju Didi

कोई महामानव इस धरती पर शोर मचाकर नहीं आता। वो बड़ी खामोशी से अपना काम करता है और चला जाता है। उसके जाने के बाद मानव-जाति को ये एहसास होता है कि वो अपने समय और समाज की दशा और दिशा बदल कर गया है। कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है इस धरती पर डेढ़ सौ वर्ष  पूर्व अवतरित होने वाले लेखराज खूबचन्द कृपलानी के बारे में। इस महामानव ने माउंटआबू में प्रजापिता ब्रह्माबाबा का रूप लेकर ‘प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय’ की स्थापना की। आज इस विश्वविद्यालय की शाखाएं दुनिया के 135 देशों में हैं और करोड़ों श्रद्धालुओं के मन और मस्तिष्क को ईश्वरीय ज्ञान और वरदान से सींच रही है।

मधेपुरा शाखा की ब्रह्माकुमारी रंजु दीदी उसी महामानव के कार्यों को विस्तार देने के निमित्त समर्पित हैं। इसी क्रम में रक्षाबंधन पर्व को अपने पुनीत उद्देश्य का माध्यम बनाते हुए उन्होंने ब्रह्मा बाबा में आस्था, श्रद्धा एवं विश्वास रखने वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधी, उनका तिलक किया और ‘ओमशांति’ का उद्घोष करते हुए सबका मुँह मीठा किया।

Brahmakumari Ranju Didi tying Rakhi to Dr. Madhepuri .

बता दें कि इस अनोखे रक्षाबंधन के अवसर पर समाजसेवी साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी, पूर्व प्राचार्य श्यामल किशोर यादव, घैलाढ़ प्रखंड के पूर्व प्रमुख विनयवर्द्धन उर्फ खोखा बाबू, सदर अस्पताल के सीएस डॉ. गदाधर पांडेय, प्रमुख व्यापारी दिनेश सर्राफ, सहयोगी ओम प्रकाश एवं दिनेश प्रसाद यादव आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम का श्रीगणेश दीप प्रज्वलित कर किया गया। फिर ब्रह्माकुमारी रंजु दीदी ने डॉ. मधेपुरी को तिलक कर उन्हें राखी बांधी और उनका मुँह मीठा किया। इस अनोखे पल ने मानो भाई-बहन के वैश्विक रिश्ते को अमरत्व प्रदान कर दिया हो। डॉ. मधेपुरी ने इस पल को स्वामी विवेकानंद से जोड़ते हुए कहा कि उस महापुरुष ने भी तो अमेरिका के अपने इतिहारृसप्रसिद्ध संबोधन की शुरुआत “लेडीज एंड जेंटलमैन” की जगह “ब्रदर्स एंड सिस्टर्स” से की थी। एक तरह से यह उन विचारों पर मुहर ही तो थी जिसकी नींव महामानव कृपलानी ने रखी थी।

अंत में “मधेपुरा अबतक” से बात करते हुए डॉ. मधेपुरी ने कहा कि अगर रक्षाबंधन को ऐसा ही विस्तार मिलता रहा तो ये धरती सचमुच रहने लायक बन जाएगी, जिसकी चिन्ता करते हुए महामानव डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम यहाँ से कूच कर गए थे।

सम्बंधित खबरें