कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मलेन संस्थान के ‘अम्बिका सभागार’ में 31 जुलाई (रविवार) को महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचन्द की जयंती पर सुकवि अरविंद ठाकुर (सुपौल) द्वारा समकालीन प्रेम कविताओं का एकल पाठ किया गया |
समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ ने की, आशीर्वचन संस्थापक कुलपति डॉ.रामेन्द्र कुमार यादव रवि एवं प्रतिकुलपति डॉ.के.के.मंडल ने दिया और अंगवस्त्रम, पाग एवं पुष्प गुच्छ से कवि अरविंद ठाकुर को सम्मानित किया संस्थान के सचिव डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने |
यह भी बता दें कि समारोह का श्रीगणेश सम्मेलन के सचिव डॉ.मधेपुरी ने, प्रेमचंद को दिये गये श्रद्धांजलि के दो शब्दों के साथ, सुकवि ठाकुर के जीवनवृत का विस्तार से पाठ किया | और सम्मेलन के अध्यक्ष श्री शलम ने कोसी अंचल के स्थापित कवि बलेन्द्र नारायण ठाकुर ‘विप्लव’ को स्मरण करते हुए कहा कि सुकवि अरविंद ठाकुर ने फिलहाल साहित्य के विभिन्न विधाओं में खुद को योग्य पिता का योग्यतम पुत्र साबित कर लिया है |
भू.ना.मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व पूर्व सांसद डॉ.रवि ने प्रेमचंद को याद करते हुए समयाभाव के कारण ‘गोदान’ के बाबत बस इतना ही कहा कि होरी की विकलता में महाकाव्यत्व की गरिमा है | साथ ही आशीर्वचन के रूप में सुकवि श्री ठाकुर की प्रेम कविताओं को ध्यान मग्न होकर सुनने के बाद उन्होंने कहा कि प्रेम कविताओं में शब्दों के सटीक चयन के साथ-साथ विचारों के प्रवाह की प्रखर अभिव्यक्ति से ऐसा लगा कि कवि श्री ठाकुर को भोगे हुए यथार्थ के प्रेम चित्रण में महारत हासिल है तभी तो खुली खिड़की भी दीवार बन जाती है |
प्रतिकुलपति डॉ.मंडल व साहित्यकार प्रो.मणिभूषण ने प्रेम-कविताओं की समीक्षा करते हुए कहा कि ‘प्रेम’ के साथ ‘विरह’ मिलकर ही जीवन को शास्वत गति प्रदान करता है | सहरसा से आये हास्य कवि केदारनाथ गुप्ता के अतिरिक्त स्थानीय कवि दशरथ प्रसाद सिंह ‘कुलिस’, राजू भैया, डॉ.आलोक कुमार, डॉ.अरविंद श्रीवास्तव, संतोष कुमार नवल, उल्लास मुखर्जी, मयंक जी, आशीष कुमार मिश्रा, कुमारी रश्मि, राकेश द्विजराज, रतन स्वरूप, किशोर श्रीवास्तव, डॉ.अरुण कुमार आदि ने भी अपनी अपनी कविताओं से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया | डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप ने कवि गोष्ठी का मंच संचालन किया |
समारोह में व्यापार मंडल के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद प्राणसुखका, तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक श्यामल कुमार ‘सुमित्र’, प्राचार्य डॉ.हरिनंदन यादव, सम्मेलन के आजीवन सदस्य शिव जी साह, नवाचार मंडल के संचालक मो.शहंशाह, पूर्व कुलसचिव प्रो.शचीन्द्र, आचार्य योगेश्वर, जनपथ न्यूज़ टुडे के प्रतिनिधि विकास कुमार, डॉ.अर्जुन कुमार आदि प्रमुखरूप से अंत तक मौजूद रहे |
अंत में सचिव डॉ.मधेपुरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया |