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10 साल इंतजार के बाद मिली रात में एक ट्रेन

Train from Madhepura to Patna

जहां कोसी के लोगों को रात में एक ट्रेन के लिए 10 साल इंतजार करना पड़ा वही संपूर्ण भारत के ट्रेन ड्राइवरों को शौचालय के लिए 160 वर्षों तक | भारत में रेल गाड़ियों के ड्राइवरों को ‘लोकोपायलट’ तो कहा जाता है परंतु उस पायलट को आज तक ट्रेन में शौचालय की बुनियादी सुविधा नसीब नहीं हो पाई |

सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के प्रयास से कोसी के लोगों को रात में एक ट्रेन क्या मिली, हरिहर नाथ एक्सप्रेस के बंद होने के बाद फिर से सुबह में हाजीपुर-पाटलिपुत्र पहुंचने का सपना पूरा हुआ |

लेकिन, उन हजारों-हजार ट्रेन-ड्राइवरों के ‘नेचुरल कॉल’ की परेशानियों को दूर करने के बाबत किसी सांसद ने क्यों नहीं प्रयास किया ? यह भी बता दूँ  कि उन्हें 8 घंटे की शिफ्ट में मात्र 10 मिनट का ब्रेक मिलता है, और ऐसा भी नहीं है कि ड्राइवर कहीं भी गाड़ी रोक कर ‘नेचुरल कॉल’ के लिए खड़े हो जाएं जैसा डेढ़ सौ वर्ष पूर्व वे ट्रेन-यात्रियों के लिए तब के नियमानुसार ट्रेन रोका करते थे | अब जाकर उन ड्राइवरों के सपने भी पूरे होंगे क्योंकि प्रत्येक इंजन में हवाई जहाज जैसे 18-20 लाख की लागत से शौचालय बनाने की सहमति केंद्र सरकार द्वारा दे दी गई है |

यह भी जानें कि जहां इस चिरप्रतीक्षित रात्रि एक्सप्रेस ट्रेन , जो सहरसा से रात्रि 11:35 में खुलकर हाजीपुर-पाटलिपुत्र होते हुए 6:15 में दानापुर पहुंचेगी और वापस दानापुर से सुबह 9:25 में चलकर अपराह्न 3:30 में सहरसा पहुंचेगी- का शुभारंभ एवं कोसी एक्सप्रेस व जानकी एक्सप्रेस के क्रमशः पूर्णिया कोर्ट व कटिहार तक का विस्तारीकरण रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल भवन नई दिल्ली से रिमोट दबाकर करेंगे, वहीँ सहरसा जंक्शन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे स्थानीय सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव एवं स्थानीय विधायक अरुण कुमार यादव |

यहां यह भी जान लेना जरुरी है कि सहरसा-पटना के बीच चलनेवाली कोसी एक्सप्रेस और सहरसा-जयनगर के बीच चलनेवाली जानकी एक्सप्रेस का समय व ठहराव वही रहेगा जो पहले से है |

याद कर लें कि ‘कोसी’ पटना से चलकर 10:30 बजे रात में सहरसा पहुंचेगी और 10:55 में खुलकर 11:13 बजे रात में मधेपुरा होते हुए देर रात 1:15 में पूर्णिया कोर्ट पहुंचेगी | पुनः वापस 2:30 बजे रात में खुल कर प्रातः 4:08 बजे मधेपुरा होते हुए 4:35 में सहरसा पहुंचकर- पूर्व के समयानुसार सुबह 5:00 बजे पटना के लिए चल देगी |

वहीं यह भी स्मरण कर लें कि जानकी सहरसा से दिन के 11:25 बजे खुलकर 11:43 बजे दिन में मधेपुरा होते हुए 2:15 बजे कटिहार पहुंचेगी | पुनः वापस 11:30 बजे रात में कटिहार से खुलकर सुबह 4:22 बजे में मधेपुरा होते हुए 5:05 बजे सहरसा पहुंचेगी |

ज्ञातव्य है कि 12 जून, 2005 को सहरसा बड़ी रेल लाइन से जुड़ा था और तब से पटना जाने वाली रात्रि ट्रेन का लोगों को इंतजार था | 11 वर्षों के इंतजार के बाद आखिर कोसी वासियों को पाटलिपुत्र एवं सीमांचल के लिए रात्रि-ट्रेन मिल ही गई |

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