यहां की धरती योग के लिए उर्वरा मानी जाती है | यहां योग ऋषि स्वामी रामदेव जी भी आ चुके हैं | आज मधेपुरा में दर्जनों संस्थाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया है | स्थानीय शिवनंदन प्रसाद मंडल उच्च माध्यमिक विद्यालय में योग दिवस के अवसर पर उद्घाटनकर्ता डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने दीप प्रज्वलित कर अपने संबोधन में कहा कि आज का यह दिन (21 जून) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रथम वर्ष गांठ का दिन है | योग मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है इसलिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष के सबसे लंबे दिन यानी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए चुना गया |
इस अवसर पर डॉ मधेपुरी ने स्कूली बच्चे-बच्चियों से कहा कि यूँ तो योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है जिसे पतंजलि के नाम से लोग जानते रहे हैं | परंतु, वर्तमान में इसे पंख लगाने वालों में एक नाम योगऋषि स्वामी रामदेव का आता है और अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज तक पहुंचाने वालों में पहला नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का- जिनकी पहल पर 11 दिसंबर 2014 को 193 सदस्यीय संयुक्तराष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” मनाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी थी |
समाजसेवी डॉ.मधेपुरी ने इस इंटर स्तरीय विद्यालय के प्राचार्य डॉ.निरंजन कुमार द्वारा योग कक्षा आरम्भ किए जाने से पूर्व कहा कि हमारा शरीर कंप्यूटर की तरह हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर से बना है | आसन द्वारा हार्डवेयर का पोषण होता है और प्राणायाम से सॉफ्टवेयर का |
फिर 6:30 बजे से 8:30 बजे प्रात: तक प्राचार्य डॉ.निरंजन कुमार द्वारा, जो बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ से प्रशिक्षित हैं, स्कूली छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं अभिरुचि रखने वाले अभिवावकों को सूक्ष्म व्यायाम, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी सहित विभिन्न प्रकार के आसनों की जानकारी दी गई | इनके लाभ भी संक्षेप में उन्होंने सबों के सामने रखा | उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि जीवन में यदि ऊंचाई पाना है तो योग को जीवन के दिनचर्या का हिस्सा बना डालो | अन्त: में उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समापन की घोषणा की |