आज नाम वापसी की समयसीमा खत्म होने के साथ बिहार से राज्य सभा के पाँचों उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए। जेडीयू से शरद यादव और रामचंद्र प्रसाद सिंह, आरजेडी से मीसा भारती और राम जेठमलानी और बीजेपी से गोपाल नारायण सिंह संसद के उच्च सदन में पहुँचे। बता दें कि महाठबंधन के चारों उम्मीदवारों ने 30 मई और बीजेपी के उम्मीदवार ने 31 मई को नामांकन दाखिल किया था।
उधर बिहार विधान परिषद के सात उम्मीदवार भी निर्विरोध चुने गए। इनमें महागठबंधन के तीन और बीजेपी के दो उम्मीदवार थे। जेडीयू ने गुलाम रसूल बलियावी और सीपी सिन्हा, आरजेडी ने कमर आलम और रणविजय सिंह, कांग्रेस ने तनवीर अख्तर और बीजेपी ने अर्जुन सहनी और विनोद नारायण झा को उम्मीदवार बनाया था।
राज्य सभा के लिए निर्वाचित होने वाले अन्य राज्यों के प्रमुख उम्मीदवारों में रेल मंत्री सुरेश प्रभु और कांग्रेस नेता अंबिका सोनी शामिल हैं। बीजेपी ने प्रभु को आंध्र प्रदेश से तो कांग्रेस ने अंबिका को पंजाब से उम्मीदवार बनाया था। निर्विरोध चुनाव जीतने वाले अन्य प्रमुख उम्मीदवार हैं – पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, केन्द्र के वर्तमान और तेजतर्रार मंत्री पीयूष गोयल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल तथा शिवसेना के संजय राउत। ये सभी महाराष्ट्र से उम्मीदवार थे।
बता दें कि बिहार के साथ ही महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब के सभी उम्मीदवार निर्विरोध संसद के उच्च सदन पहुँच रहे हैं। बस उत्तर प्रदेश में आखिरी क्षणों में निर्दलीय प्रीति महापात्र के 12वां उम्मीदवार बनने के कारण वहाँ की 11 सीटों का चुनाव जरूर दिलचस्प हो गया है। यहाँ अब अगले हफ्ते 11 जून को चुनाव होना तय है। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कपिल सिब्बल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी होगी क्योंकि यूपी में कांग्रेस के केवल 29 विधायक हैं और राज्य सभा पहुँचने के लिए जरूरत 34 वोटों की है।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप