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अब लालू को ‘क्रीम’ क्यों लगा रहे बाबा रामदेव..?

Baba Ramdev & Lalu Prasad Yadav

समय और सत्ता की महिमा अपरम्पार है। ‘रा’ज-योग’ सचमुच भारी है हर ‘योग’ पर। तभी तो एक-दूसरे के विरोधी रहे योगगुरु बाबा रामदेव और बिहार की सत्ता में भागीदार आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक-दूसरे के करीब आ गए हैं। अब ना केवल दोनों गले मिल रहे हैं बल्कि बाबा रामदेव को लालू में अपना ‘ब्रांड एम्बेसेडर’ भी दिखने लगा है।

जी हाँ, चौंकिए नहीं। बीते बुधवार की बात है कि बाबा रामदेव दिल्ली में अचानक और वो भी सुबह-सुबह लालू के मौजूदा आवास (शकुंतला फार्महाउस) पर ‘प्रकट’ हुए, उनसे अकेले में बातचीत की और यहाँ तक कि सबके बीच उनके चेहरे पर क्रीम भी लगा डाली। बातचीत का विषय क्या था इस पर दोनों भले ही मौन रहें लेकिन इसके ‘राजनीतिक’ और ‘व्यावसायिक’ दोनों मायने निकाले जा रहे हैं। चलिए बताते हैं कैसे।

बाबा रामदेव के हृदय में ये लालू-प्रेम यूँ ही नहीं उमड़ पड़ा। इसका पहला और स्पष्ट कारण तो ये है कि लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं। जाहिर है कि बाबा रामदेव के ब्रांड ‘पतंजलि’ के लिए संभावनाओं के कई द्वार वो खोल सकते हैं। बता दें कि पिछले दिनों बाबा रामदेव मुलायम के छोटे भाई और यूपी की अखिलेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव के साथ भी एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

बहरहाल, अब दूसरे कारण पर गौर करें। दरअसल कुछ दिनों पहले दिल्ली में हुए श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद थे और उनकी ये मौजूदगी योगगुरु को नागवार गुजरी। कारण ये कि दो साल पहले मोदी के चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री बनने पर बाबा रामदेव ने दिल्ली में एक कार्यक्रम रखा था और मोदी को खास तौर पर आमंत्रित किया था लेकिन मोदी उस कार्यक्रम में नहीं गए थे।

रामदेव-लालू की मुलाकात पर भाजपा का कहना है कि बाबा रामदेव ना तो भाजपा के सदस्य हैं और ना ही सहयोगी। वो किसी से भी मिल सकते हैं। पर सच यह है कि इस मुलाकात ने योगगुरु और भाजपा के संबंधों में आई खटास को उजागर करने का काम तो किया ही है। जहाँ तक पूरी सच्चाई का प्रश्न है तो इसके बारे में अपने-अपने फन में माहिर दोनों धुरंधर – बाबा रामदेव और लालू – ही कुछ बोल सकते हैं। बाबा रामदेव का लालू के चेहरे पर ‘क्रीम’ लगाना अकारण तो खैर हरगिज नहीं हो सकता।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

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