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रियल एस्टेट कानून आज से लागू, अब बिल्डर नहीं कर पाएंगे मनमानी

Real Estate Act

केन्द्र सरकार  ने मई दिवस के दिन आमलोगों को एक बड़ा तोहफा दिया। अगर आपने हाल-फिलहाल घर लिया है या लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको जानकर विशेष खुशी होगी कि आम उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करने और बिल्डरों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट कानून आज से लागू हो गया। इसके लागू होने के साथ ही बिल्डरों पर नकेल कस जाएगी और ग्राहक ठगे जाने से बच जाएंगे।

इस बहुप्रतीक्षित कानून के तहत बिल्डरों को तय समय के भीतर ग्राहकों को उनका आशियाना देना होगा। अब प्रमोटर और बिल्डर की मनमानी किसी सूरत में नहीं चल पाएगी। इस कानून के तहत सभी आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटर के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है और यह नियम ना केवल नई बल्कि चालू परियोजनाओं पर भी लागू होगा।

रियल एस्टेट कानून के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान ये है कि अब डेवलपर बिना ग्राहक की सहमति के प्रोजेक्ट में कोई बदलाव नहीं कर पाएगा। ग्राहकों की गाढ़ी कमाई के पैसे को सुरक्षित करने के लिए एक अन्य प्रावधान यह जोड़ा गया है कि बिल्डरों को खरीदारों से लिए पैसे का 70% संबंधित प्रोजेक्ट के अकाउंट में ही रखना होगा।

बता दें कि अब सभी राज्यों में रियल एस्टेट अथॉरिटी होगी जहाँ ना केवल बिल्डर बल्कि रियल एस्टेट एजेंट को भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यही नहीं, कानून के प्रावधानों के अन्तर्गत केन्द्र और राज्य सरकारों को छह महीने के भीतर नियम बनाने होंगे। प्रोजेक्ट के तहत फ्लैटों की समय से डिलीवरी सुरक्षित कराने के लिए प्रस्तावित रियल एस्टेट रेगुलेटर और अपीलीय ट्रिब्यूनल भी एक साल में बन जाएंगे। बता दें कि नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों के लिए भारी जुर्माने के साथ ही तीन साल की सजा का भी प्रावधान है।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

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