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कोहली और उनके तीन ‘टी’ के रहते ‘कप’ हमारा है..!

Virat Kohli

कोहली ने भारत को एक और ‘विराट’ जीत दिलाई। इस एक अकेले खिलाड़ी के सामने कभी अजेय कहलाने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम असहाय नज़र आई। जिस महामुकाबले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थीं और हर गेंद, हर रन, हर विकेट पर लोगों की धड़कनें तेज हो रही थीं, उसमें टीम इंडिया के हाथों ऑस्ट्रेलिया को करारी हार का सामना करना पड़ा और एक बार फिर जीत के नायक बने टीम इंडिया सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज विराट कोहली। 27 साल के विराट आज टीम इंडिया की रीढ़ बन चुके हैं। अकले दम पर किसी भी मैच को विपक्षी टीम के जबड़े से छीन लेने का जुनून ही विराट को तमाम दिग्गज खिलाड़ियों के बीच भी अलग खड़ा कर देता है।

मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में करोड़ों लोगों की उम्मीदों पर सोने जैसा खरा उतरने वाले विराट की पारी इतनी शानदार थी कि भारत तो भारत, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भी फिदा है उन पर। विराट कोहली ने भले ही ऑस्ट्रेलिया की टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुँचने की उम्मीद तोड़ दी हो लेकिन इस देश की मीडिया ने अकेले दम पर भारत को अंतिम चार में जगह दिलाने के लिए इस असाधारण बल्लेबाज की जमकर तारीफ की। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में भारत को 161 रन का लक्ष्य दिया था जो मोहाली की पिच को देखते हुए हरगिज छोटा ना था लेकिन 51 गेंदों पर विराट ने जिस तरह 82 रनों की पारी खेली उससे ये लक्ष्य भी जैसे बौना साबित हुआ और भारत बहुत शान से सेमीफाइनल में पहुँच गया।

भारत की इस ‘विराट’ जीत पर ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के गिडोन हेग ने कहा कि “कोहली ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से लक्ष्य का पीछा करने को बेहद सामान्य बना दिया।” ‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ के क्रिस बैरेट ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ का ये कहना कि यह ‘विराट शो’ था, बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा कि टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की अब तक की सबसे महान पारियों में से एक खेल कर इस दिग्गज भारतीय बल्लेबाज ने अकेले दम पर ऑस्ट्रेलिया को 20 ओवर की विश्व चैम्पियनशिप से बाहर कर दिया। ‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ ने यह भी कहा कि कोहली महान सचिन तेन्दुलकर के उत्तराधिकारी के रूप में उभरे हैं।

‘डेली टेलीग्राफ’ के बेन होर्ने ने विराट की पारी पर लिखा – “एक व्यक्ति ने जीत दिला दी।” होर्ने ने आगे कहा – “मुझे लगता है कि यह कहना सुरक्षित होगा कि फिलहाल विश्व क्रिकेट में विराट कोहली जैसी कोई प्रतिभा नहीं है।” इधर भारत में सुनील गावस्कर के भी यही उद्गार थे। कल के मैच के बाद उन्होंने कहा कि कोहली “मौजूदा दौर के सबसे उम्दा बैट्समैन” हैं। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि “इस समय कोहली सीमित ओवरों के खेल में दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज हैं। इसके बारे में कोई संदेह ही नहीं है, वह असाधारण और सबसे अलग हैं। मेरे जो थोड़े बाल बचे हैं, वे इस युवा जीनियस की पारी देखकर खड़े हो गए थे।“ इससे पूर्व पाकिस्तान पर भारत की धमाकेदार जीत के बाद इमरान खान ने कहा था कि विराट कोहली में ‘सार्वकालिक महान खिलाड़ी’ बनने की क्षमता है। वहीं पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद युसूफ के शब्दों में कोहली क्रिकेट ग्राउंड में विरोधी टीम के लिए किसी ‘बला’ से कम नहीं हैं।

बता दें कि मोहाली में बनाए गए नाबाद 82 रन के बाद इस साल अन्तर्राष्ट्रीय टी-20 में सबसे ज्यादा रन विराट के नाम हो गए हैं। यह पहला मौका है जब किसी बल्लेबाज ने एक सीजन में 500 रनों का आंकड़ा पार किया है। 2016 में 12 मैचों की 11 पारियों में 536 रन बनाकर विराट टॉप पर हैं। उन्होंने इन 12 मैचों में 133.66 की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हुए छह हाफ सेंचुरी भी बनाई है। बड़ी बात ये कि इन 12 मैचों में छह दफा वो नॉट आउट रहे।

क्रिकेट के लिए अद्भुत पैशन, रन बनाने की भूख और किसी भी चुनौती से निपटने का हौसला कोहली को क्रिकेट का ‘विराट’ खिलाड़ी बनाता है। वो जब मैदान में उतरते हैं तो पिच और गेंदबाज उनके लिए जैसे मायने ही नहीं रखते। उनकी आँखें तो बस अर्जुन की तरह ‘मछली की आँख’ यानि अपने लक्ष्य को देख रही होती हैं। गेंद को मैदान के हर कोने में पहुँचाने की उनकी चाहत और कभी कम ना होने वाले उनके उत्साह से ही गेंदबाज खौफ खाते हैं। कोहली के टैलेंट, टैम्परामेंट और टाइमिंग को देख कहना ही पड़ेगा कि कोहली जैसा कोई नहीं और ये भी कि कोहली और उनके इन तीन ‘टी’ के रहते ‘कप’ हमारा है।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

 

 

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