प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ना केवल भारत बल्कि विश्व के उन गिने-चुने नेताओं में एक हैं जो तकनीक में गहरी रुचि रखते हैं। उन्होंने प्रारम्भ से ही ई-गवर्नेंस को प्रोत्साहित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सूचना और सम्पर्क के विभिन्न माध्यमों का जैसा उपयोग आम जनता से सीधा संवाद करने के लिए किया है वो भारतीय राजनीति में उनसे पहले देखने को नहीं मिला था। अब हर घर में सुलभ रेडियो की ही बात करें। उनसे पहले के प्रधानमंत्री इसका उपयोग केवल विशेष अवसरों पर संदेश देने के लिए करते थे। किसी ने नहीं सोचा था कि रेडियो ‘मन की बात’ रखने का जरिया भी हो सकता है। अभी हाल ही में अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने परीक्षा को लेकर कई बातें की थीं और छात्रों से अपील करते हुए कहा था कि वे पूरे विश्वास और आशा के साथ परीक्षा में भाग लें। इसी से उत्साहित होकर सीबीएसई (सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेन्डरी एजुकेशन) ने अपने स्कूलों में बच्चों को प्रधानमंत्री से ‘जोड़ने’ के लिए अधिसूचना जारी की है।
सीबीएसई की उपरोक्त अधिसूचना ‘नरेन्द्र मोदी एप’ को लेकर है। इसमें कहा गया है कि कि बच्चों के माता-पिता, अध्यापक व छात्र ‘नरेन्द्र मोदी एप’ के जरिए परीक्षा के अपने अनुभवों को बांट सकते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री भी अपने अनुभव को उनसे साझा करेंगे। सीबीएसई ने सभी स्कूलों के प्रमुखों से आग्रह करते हुए कहा है कि अध्यापक, माता-पिता व छात्रों को ‘नरेन्द्र मोदी एप’ डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करें। बोर्ड ने प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ के उस हिस्से का भी जिक्र किया है कि जिसमें दसवीं और बारहवीं की परीक्षा को लेकर उन्होंने छात्रों को अपना संदेश दिया है।
बता दें कि ‘नरेन्द्र मोदी एप’ प्रधानमंत्री के बारे में सभी नवीनतम जानकारियां एवं अपडेट प्रदान करता है। इस इंटरैक्टिव ‘एप’ पर बस एक क्लिक कर आप प्रधानंमंत्री के साथ जुड़ सकते हैं। यह प्रधानमंत्री से सीधे संदेश और ई-मेल प्राप्त करने का अनूठा अवसर भी देता है। इस ‘एप’ के ‘टू-डू टास्क’ के माध्यम से आप अपना योगदान दे सकते हैं और बैज अर्जित कर सकते हैं। यही नहीं, आप प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ के विभिन्न एपिसोड सुन सकते हैं, उनके ब्लॉग पढ़ सकते हैं और उनकी जीवनी पढ़कर उनके बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस ‘एप’ के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के ‘सुशासन’ की शैली और सरकार की विभिन्न पहल और उपलब्धियों की जानकारी भी हासिल की जा सकती है। इसमें एक विशेष सेक्शन बनाया गया है जिसके अंतर्गत भारत की वैश्विक पहचान को और आगे बढ़ाने की दिशा में प्रधानमंत्री के प्रयासों का उल्लेख किया गया है। इसके ‘इन्फोग्राफिक्स’ सेक्शन के अंतर्गत यह दिखाया गया है कि सरकार कैसे लोगों के जीवन में सुधार लाने का काम कर रही है।
स्कूल के बच्चे अब तक चाचा नेहरू के बारे में सुना करते थे। बच्चों के बीच नेहरूजी की लोकप्रियता आज भी एक मिसाल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बच्चों से जुड़ने और संवाद करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते। सीबीएसई ने अपनी अधिसूचना से उस ‘जुड़ाव’ और ‘संवाद’ को सार्थक दिशा देने की कोशिश की है। भारत के ‘भविष्य’ को गढ़ने के लिए प्रधानमंत्री की पहल के निमित्त सीबीएसई के इस प्रयास की सराहना राजनीति से ऊपर उठकर होनी चाहिए।
मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप