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महागठबंधन का पहला बजट : क्या सचमुच बिहार में शिक्षा के दिन बहुरेंगे..?

Abdul Bari Siddiqui

वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आज महागठबंधन सरकार का पहला बजट पेश किया। 2016-17 के इस बजट के केन्द्र में नीतीश के ‘सात निश्चय’ हैं। बजट में सभी तबकों का ध्यान रखा गया है और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दुहराई गई है। सबसे ख़ास बात ये कि इस बजट में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। अब उम्मीद की जा सकती है कि बिहार में शिक्षा के दिन बहुरेंगे।

बिहार के वित्त मंत्री ने 2016-17 के लिए पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 24,491 करोड़ रुपये अधिक का बजट पेश किया। बीते वर्ष का कुल बजट 1,20,185 करोड़ था जबकि इस वर्ष का बजट 1,44,696 करोड़ है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि बिहार का विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पिछले दस सालों में बिहार का विकास दर 10.50 प्रतिशत रहा है।

सिद्दीकी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा पर सबसे अधिक जोर दिया है। इस कारण सरकार ने शिक्षा के लिए सर्वाधिक 21,897 करोड़ की राशि आवंटित की है। यह राशि योजना एवं गैर योजना मद, दोनों को मिलाकर है। शिक्षा के बाद बजट में सरकार का जोर ऊर्जा पर है। ऊर्जा के लिए 14,370.84 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। तीसरे नंबर पर स्वास्थ्य विभाग है। स्वास्थ्य के लिए इस बजट में 8,234.70 करोड़ का प्रावधान है।

बजट में उपरोक्त क्षेत्रों के अतिरिक्त पेयजल, स्वच्छता, सड़क, सिंचाई एवं आधारभूत संरचना विकास, कृषि क्षेत्र में उत्पादकता एवं तकनीकी प्रशिक्षण, युवाओं के लिए कौशल विकास, नारी-सशक्तिकरण और पंचायती व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का भी ध्यान रखा गया है।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि महागठबंधन सरकार अपने पहले बजट से उम्मीद बंधाती नज़र आती है। सरकार ने बजट तैयार करने में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी नज़र रखी है। बजट में ऐसी कई बातें हैं जो सुनने और पढ़ने में अच्छी लगती हैं लेकिन बात तो तब बनेगी जब सपने ज़मीन पर उतरेंगे।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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