300 वेड वाले मधेपुरा सदर अस्पताल में 375 स्टाफ की जगह मात्र 50 का होना अस्पताल के लिए प्राण घातक है |एक स्टाफ को आठ के बदले कार्य करना पड़ता है | यदि कभी वह छुट्टी में होता तो खून जाँच से लेकर ब्लड बैंक के बीच मरीज भटकते रहते हैं | शिकायत करे भी तो किससे ? सी० एस० से लेकर डी० एस० सभी तो प्रभार में ही हैं | फिजिशियन के 4 पद हैं, चारो खाली | जेनरल सर्जन के 4 पदो में 3 खाली तथा स्त्री रोग विशेषज्ञों के 7 पदों में 5 खाली ….|
यह क्षेत्र है जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का, सांसद पप्पू यादव का एवं मंत्री नरेंद्र ना० यादव का | माननीय पार्षद विजय कुमार वर्मा ही नहीं, माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अभिन्न मित्र विधान पार्षद ललन सर्राफ का, तो फिर 800 करोड़ में बन रहे कर्पूरी मेडिकल कॉलेज एण्ड होस्पिटल का हाल क्या होगा ? ज्ञातव्य हो कि जिले में 310 की जगह 68 चिकित्सक एवं 2880 स्वास्थ्य कर्मियों की जगह 287 मात्र के सहारे पैदा हुई स्थिति स्वास्थ्य सेवा के दावे की पोल ही तो खोल रही हैं |