सामाजिक सद्भाव से लेकर राजनीतिक व शैक्षिक जगत में भी कोशी श्रेत्र कभी किसी से पीछे नहीं रहा है। कभी मंडन भारती के शास्त्रार्थ की तूती बोलती थी तो कभी मोहम्मद कुदरतुल्लाह सरीखे एमएलसी बिहार मैथिली साहित्य संघ के उपाध्यक्ष रहते हुए नशा बंदी को लेकर अपने ही पिता के ताड़ गाछ को कटवा दिए थे। कभी पराधीन भारत में स्वाधीन सोच रखने वाले बाबू रास बिहारी लाल मंडल क्रांतिवीर और समाज सुधारक बने रहे तो कभी आधुनिक बिहार के निर्माता की सूची में बिहार के प्रथम विधि मंत्री शिवनंदन प्रसाद मंडल सूचीबद्ध होकर चमकते रहे। कभी समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल बेकसों के संसार को सजाते रहे तो कभी सामाजिक न्याय के पुरोधा बनकर बीपी मंडल मंडेला और मंडल की जोड़ी बनकर चमकते रहे।
वर्तमान में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा रैंक लाकर मधेपुरा का नाम रोशन किया मनोहर अग्रवाल की पुत्री अंकिता अग्रवाल ने। इससे पहले मधेपुरा के पुरैनी निवासी नितेश जैन द्वारा इसी परीक्षा में 22वाँ रैंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया गया था। इतना ही नहीं कभी दौलत कुमार तो कभी आदित्य कुमार तो कभी वर्चस्व कुमार तो कभी सचिन बादशाह आदि भी यूपीएससी में अच्छे रैंक लाकर जिले को गौरवान्वित करते रहे थे।
जानिए कि जहां सहरसा निवासी डॉ.अजय कुमार दास की पुत्री शैलजा ने यूपीएससी परीक्षा में 83वां रैंक हासिल कर जिले को गौरवान्वित की है वहीं सुपौल के हरदी निवासी शिक्षक पुत्र हरिनंदन यादव के पुत्र विद्यासागर ने 272वीं रैंक लाकर सुपौल जिले का नाम रोशन किया है। यह वही सुपौल है जहां पर बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव सूबे को अहर्निश रोशन करने में सफलता पा ली है।
यह भी कि सहरसा जिले के सलखुआ निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक रामानुज प्रसाद यादव के पुत्र हेमंत कुमार ने 531वीं रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है। इस तरह कोशी क्षेत्र कभी किसी से पीछे नहीं रहा है और ना रहेगा।