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किरासन तेल चाहिए अब बिजली गायब होने लगी है

मॉनसून के आते ही कुछ दिनों से शाम ढलते-ढलते बिजली की आंख-मिचौली शुरू हो गई है। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए अति संवेदनशील समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि जिला प्रशासन के लिए बाढ़ के साथ-सथ बिजली से उत्पन्न होने वाली छोटी-बड़ी समस्याओं पर भी विचार करना जरूरी है। कुछ दिनों से शाम होते ही बार-बार बिजली गुम होने से बच्चों को पढ़ाई में एवं महिलाओं को रसोई बनाने में कठिनाई उत्पन्न होने लगी है। हर घर में जनरेटर या इनवर्टर तो है नहीं, फिर भी अंधेरे से निजात पाने के लिए रोशनी तो चाहिए ही चाहिए।

डॉ.मधेपुरी ने बाजार से जानकारियां भी लीं, तो पता चला कि जब लोगों ने मोमबत्ती खरीदना ही छोड़ दिया तो दुकानदारों ने भी मंगाना कम कर दिया। कुछ मंगाते भी हैं तो बहुत महंगा दाम चुकाने पर मिलता है।

डॉ.मधेपुरी ने जनहित में प्रशासन से मांग की है कि बाढ़ की समाप्ति तक कम से कम सप्ताह में एक दिन भी किसी सार्वजनिक स्थान यथा- नगर परिषद या जिला परिषद या किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर किरासन तेल प्रति परिवार आधा लीटर या एक लीटर जो उपयुक्त लगे उसकी व्यवस्था की जानी चाहिए। बात तो छोटी है, परंतु है जरूरी। यदि फिर भी बात समझ में ना आए तो इस लोकोक्ति को एक बार नहीं, बार-बार हृदय से स्मरण करना लाजमी है-

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