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मैथिली के महाकवि-गीतकार-साहित्यकार रविंद्र नाथ ठाकुर के निधन से कौशिकी शोकाकुल

मैथिली के महाकवि-गीतकार व साहित्यकार एवं कई मैथिली फिल्मों के गीतकार रविंद्र नाथ ठाकुर के निधन का समाचार सुनते ही कौशिकी के कवियों, साहित्यकारों एवं गीतकारों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। दिल्ली के अस्पताल में कई महीनों से कैंसर की जंग लड़ रहे थे वे।

कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष डॉ.केके मंडल की अध्यक्षता में मशहूर साहित्यकार रविंद्र नाथ ठाकुरके निधन पर कौशिकी के साहित्यकारों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।

संस्थान के सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि गीतकार रविंद्र नाथ की लोकप्रियता की ऊंचाई इसी बात से आंकी जा सकती है कि बाबा नागार्जुन ने उन्हें “अभिनव विद्यापति” का उपनाम दिया था। विदुषी डॉ.शांति यादव ने कहा कि मैथिली सिनेमा ममता गावे गीत……! आज भी खूब सुना जाता है। ऐसे लोकप्रिय गीतकार से वे।

मौके पर श्रद्धांजलि निवेदित करने वालों में पूर्व कुलसचिव प्रोफेसर शचिंद्र, प्रो. (डॉ.)अरुण कुमार, प्रोफेसर मणि भूषण वर्मा, डॉक्टर आलोक कुमार, सियाराम यादव मयंक, संतोष कुमार सिन्हा, अमन कुमार, सुमित्र आदि।

अंत में अध्यक्ष डॉक्टर केके मंडल ने विस्तार से संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मैथिली एकेडमी के निदेशक कवि-साहित्यकार और प्रखर गीतकार एवं धमदाहा (पूर्णिया) के गौरव रविंद्र नाथ ठाकुर उर्फ लड्डू बाबू के निधन से मैथिली साहित्य को अपूरणीय क्षति हुई है। जिनकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।

 

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