जन लेखक संघ के केंद्रीय कार्यालय जो साहित्यकार नगर वार्ड नंबर- 1 के डॉ मधेपुरी मार्ग पर अवस्थित है, में जिला कमेटी द्वारा सदन में भूपेन्द्र नारायण मंडल पुस्तक की समीक्षात्मक बैठक के बाद कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता सुलझे सोच के विद्वान इंजीनियर हरिश्चंद्र मंडल ने की।
संगोष्ठी में सर्वप्रथम जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.महेंद्र नारायण पंकज द्वारा आगत अतिथि बेजोड़ शिक्षा शास्त्री व विद्वान वक्ता प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.ध्रुव कुमार, राज्य सचिव डॉ.सुधांशु चक्रवर्ती सहित बीएनएमयू के पूर्व कुलसचिव प्रो.शचीन्द्र, पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी एवं एसएनपीएम की पूर्व प्राचार्या डॉ.शांति यादव को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
सर्वपथम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव प्रो.शचीन्द्र द्वारा विषय प्रवेश करते हुए संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया और कहा गया कि भूपेन्द्र बाबू की सामाजिक आर्थिक सोच, सामाजिक समाजवादी सोच सहित शैक्षिक व सामाजिक पिछड़ेपन आदि विषयों पर विस्तृत चिंतन की जरूरत है।
मुख्य अतिथि डॉ.ध्रुव कुमार ने विस्तार से भूपेन्द्र नारायण मंडल के समाजवाद की, कबीर सरीखे व्यवहार की एवं डॉ.लोहिया जैसे गरीबों की बेहतरी के लिए सब कुछ न्योछावर करने की बातें रखी। सभी पढ़े-लिखे विद्वान श्रोताओं ने डॉ.कुमार की बातों को ध्यान से सुना और तालियों के साथ सराहना की। उनके संबोधन में भूपेन्द्र बाबू के गहरे अध्ययन की झलक देखने को मिली।
राज्य सचिव डॉ.सुधांशु चक्रवर्ती ने भी अपने सारगर्भित संबोधन में भूपेंद्र बाबू के व्यक्तित्व की ऊंचाइयों से श्रोताओं को रूबरू करा कर खूब तालियां बटोरी। डॉ.अमोल राय, डॉ.विनय कुमार चौधरी, प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, शंभू शरण भारतीय, आद्यानंद यादव, डॉ.ओम प्रकाश ओम, त्रिवेणीगंज से आए साहित्यकार सुरेंद्र कुमार भारती, आलोक राई, डॉ.भूपेन्द्र भूप आदि ने समाजवादी सोच के धनी भूपेन्द्र नारायण मंडल के अनमोल विचारों को आत्मसात करने पर बल दिया।
अंत में प्राचार्या डॉ.शांति यादव ने समीक्षात्मक ग्रंथ सदन में भूपेन्द्र नारायण मंडल को सजाने संवारने का भार तत्कालीन सांसद राजेंद्र प्रसाद यादव द्वारा दिए जाने की और उनके द्वारा निष्पादित किए जाने की विस्तार से चर्चा की, परंतु इतना कुछ करने के बाद संपादक मंडल में नाम नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की।
समयाभाव के कारण डॉ.मधेपुरी ने एक पंक्ति में बस इतना ही कहा कि जिनके बारे में डॉ.लोहिया सरीखे महान समाजवादी चिंतक ने 1964 में ही रासबिहारी उच्च विद्यालय के मंच से यह कहा था कि हे मधेपुरा वासियों ! मैं बार-बार मधेपुरा इसलिए आता हूं कि मधेपुरा की समाजवादी धरती ने भूपेन्द्र नारायण मंडल जैसे सपूत को पैदा किया है जो भारतीय संसद में हमेशा निर्भीक होकर गरीबों की बात उठाता है और आगे भी उठाता रहेगा तो मैं किस खेत की मूली हूं।
अंत में जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.महेंद्र नारायण पंकज ने संक्षेप में विचार व्यक्त किया। जिला जन लेखक संघ के सचिव डॉ.गजेंद्र कुमार ने मंच संचालित करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया । अध्यक्ष इंजीनियर हरिश्चंद्र मंडल ने कार्यक्रम समापन की घोषणा की।