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अब शरीर के किसी भाग पर मौजूद हुआ कोरोना वायरस तो नैनो तकनीक वाले रिस्ट बैंड का बजने लगेगा अलार्म

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से भयभीत भारतीय युवा विज्ञानी डॉ.रेनु चोइथरानी का दावा है कि देश में इस तरह का पहला नम्नोमेष है जिसे भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने प्रमाणित किया है। इस बैंड को तैयार करने में करीब डेढ़ वर्ष का समय और लगभग ढाई हजार रुपये का खर्च आया है।

बता दें कि इस रिस्ट बैंड में बायो सेंसर लगे हैं, जो कि कोरोना वायरस के सभी वेरिएंट की पहचान कर लेते हैं। बैंड में लगी लाल एलईडी जलने के साथ-साथ अलार्म भी बजने लगता है।

चलते-चलते यह भी जान लीजिए कि शरीर का तापमान मापने हेतु इस बैंड में थर्मल सेंसर भी लगाए गए हैं, जिसे जिसमें मोबाइल नंबर फिट करने पर शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होते ही आपातकालीन नंबर पर मैसेज आ जाता है।

 

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