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अब सभी जिलों में जमीन मापी की दर एक समान होगी- सीएम नीतीश कुमार

बता दें कि सूबे के अलग-अलग जिले में भूमि मापने के अलग-अलग दर लिए जाने की शिकायत मिलने पर संवेदनशील मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निष्पक्षता का ख्याल रखने हेतु राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री को निर्देश दिया है।

जानिए कि विभागीय मंत्री रामसूरत राय ने अधिकारियों के साथ मंथन शुरू कर दिया है। विभाग द्वारा दो तरह से भूमि मापी दर पर विचार किया जा रहा है-

1. पहला फार्मूला- इसे संविदा अमीन के वेतन को आधार मानते हुए बनाया गया है। नापी में जितने दिन लगेंगे, भूस्वामी से उतने ही दिन के संविदा अमीन के वेतन के बराबर शुल्क लिए जाएंगे।

2. दूसरा फार्मूला- इसे विभाग प्रति कट्ठा, प्रति डिसमिल अथवा प्रति एकड़ की दर पर लागू करने पर विचार कर रहा है। ऐसा होने से अमीन के वेतन बढ़ने या घटने से भी मापी शुल्क पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि तब राज्य भर में एक समान मापी दर तय होगी।

किस फार्मूले को मंजूरी मिलेगी, इस पर अभी मंथन चल रहा है। फिलहाल अलग-अलग अंचल में भूमि मापी शुल्क अलग-अलग है, क्योंकि अमीनों के वेतन में भिन्नता है। स्थायी अमीन के वेतन और संविदा अमीन के वेतन में काफी भिन्नता है। स्थायी अमीन वाले अंचल में जहां एक दिन की मापी हेतु ₹3000 देने पड़ते हैं, वही संविदा पर नियुक्त अमीन वाले अंचल में एक दिन की मापी हेतु ₹1000 देने पड़ते हैं। समानता के लिए सीएम ने निर्देश दिया है जिसकी सराहना समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने भी की है।

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