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बिहारी मरीजों को अब अंग प्रत्यारोपण के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा- डॉ.मनीष मंडल

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानि आईजीआईएमएस पटना के अधीक्षक डॉ.मनीष कुमार मंडल ने कहा कि अब बिहार में भी अंग प्रत्यारोपण का कार्य संस्थान में शुरू हो गया है। बिहार के मरीजों को अब अंग प्रत्यारोपण के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अंग प्रत्यारोपण में सरकार द्वारा भी आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति इसका लाभ लेकर अपनी बहुमूल्य जिंदगी बचा सकें।

बता दें कि अंग प्रत्यारोपण का मतलब होता है किसी शरीर से एक स्वस्थ एवं क्रियाशील अंग को निकाल कर उसे किसी दूसरे शरीर के क्षतिग्रस्त या विफल अंग की जगह लगाना। यह क्रियाशील अंग किसी जीवित या तत्काल मृत व्यक्तियों के शरीर से निकाला गया होना चाहिए। प्रत्यारोपित होने वाले अंगों में ह्रदय, किडनी, फेफरा, आंखें आदि शामिल हैं। पहला किडनी प्रत्यारोपण 50 वर्षीय एक महिला का किया गया और 14 दिनों तक निगरानी में रखकर सफलतापूर्वक उसे आईजीआईएमएस से छुट्टी दी गई। डॉ.मंडल ने कहा कि अब साल में 140 किडनी प्रत्यारोपित की जाएगी।

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