प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आदि पुरुष का लौकिक नाम ‘लेखराज कृपलानी’ और मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती का लौकिक नाम ‘ओमराधे’ था। विश्व के 145 देशों में इसकी लगभग 10 हजार शाखाएं कार्यरत हैं जिनमें 10 लाख विद्यार्थी प्रतिदिन नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण करते हैं। ये दोनों इस विश्वविद्यालय की अलौकिक नींव की दिव्य ईंट माने जाते हैं। ओमराधे को श्रद्धालुगण ‘मामा’ भी कहते हैं।
मधेपुरा में गुरुवार (24 जून) को राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रंजू दीदी की अध्यक्षता में मामा जगदंबा सरस्वती की 56वीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। मामा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए दीदी रंजू ने कहा कि विद्या मानव की समस्त बौद्धिक शक्तियों को अनुशासित करती है।
समारोह के उद्घाटनकर्ता समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने उद्घाटन भाषण में राजा राममोहन राय को संदर्भित करते हुए कहा कि मातेश्वरी जगदंबा भी नारी जागरण के साथ-साथ नारी शिक्षा को लेकर उसी तरह प्रताड़ित होती रहीं जैसे सती प्रथा को लेकर राजा राममोहन राय। उपस्थित मातृशक्ति को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मां की वाणी में वह ताकत है जिसे भगवान स्वरूप डॉक्टर भी नहीं दे सकते। डॉ.मधेपुरी ने ढेर सारे उदाहरणों के साथ ब्रह्मा कुमारी रंजू दीदी, दुर्गा दीदी, वीणा-मौसम दीदी व अन्य को संदर्भित करते हुए विभिन्न प्रखंडों से आए हुए श्रद्धालुओं से कहा कि ब्रह्मा बाबा के इस केंद्र पर आकर आप अपनी देह को देवालय और घर को शिवालय बना लें, तभी आप सुखमय जीवन जी सकेंगे।
ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सफल सहयोगी विनय वर्धन उर्फ खोखा बाबू, बैजनाथ बाबू, विजय वर्धन, बीके सतीश, शिवनाथ आदि ने श्रद्धालुओं से आप बीती बातें शेयर करते हुए कहा कि रंजू दीदी के नेतृत्व में ब्रम्हाकुमारियों की टीम कारागृहों में जा-जाकर कैदियों के विचारों को सकारात्मक बनाकर समाज को लाभान्वित करने में सतत प्रयत्नशील रहती है।
कार्यक्रम के आरंभ में दीप प्रज्वलित कर श्रद्धालुओं के साथ डॉ.मधेपुरी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। फिर मातेश्वरी जगदंबा की तस्वीर पर राजयोगिनी रंजू दीदी और डाॅ.मधेपुरी ने माल्यार्पण किया और बारी-बारी से डॉ.एनके निराला, ललन मुखिया व ज्योतिष रानी जैसे सभी श्रद्धालुओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। समापन के बाद श्रद्धायुक्त प्रसाद ग्रहण करके ही सबों ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी रंजू दीदी से घर जाने की स्वीकृति प्राप्त की।