प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण को सुरक्षित रखने तथा पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजन किये जाते हैं। कोरोना लाॅकडाउन के चलते समाजसेवी-शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने अपने वृन्दावन आवासीय परिसर में एक पौधा लगाने के बाद कुछ लोगों से ऑनलाइन यही कहा-
पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से तापमान में तेजी होती जा रही है। फलस्वरूप, कहीं-कहीं तो प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के कारण लम्बे समय से बारिश भी नहीं हो पाती । प्रदूषण का बढ़ता स्तर पर्यावरण के साथ ही इंसानों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। जहाँ कई जीव-जन्तु विलुप्त होने लगे हैं, वहीं लोग कई प्रकार की गम्भीर बीमारियों के शिकार होने लगे हैं।
डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से कहा कि 5 जून 1972 के दिन स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत हुई थी। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा आयोजित इस प्रथम पर्यावरण सम्मेलन में भारत की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी सम्मिलित हुई थी। यूँ प्रत्येक वर्ष इसकी थीम तय की जाती है। इस वर्ष की थीम ‘इकोसिस्टम रेस्टोरेशन” यानि जंगलों को नया जीवन देकर पेड़-पौधे लगाना है।बारिश के पानी को संरक्षित कर एवं तालाबों का निर्माण कर हम पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली” कर सकते हैं। अत: आने वाली पीढ़ी के लिए एक पौधा अवश्य लगाएँ ! पर्यावाण दिवस को महोत्सव बनाएं !!