वैज्ञानिकों ने भारत में कोरोना की तीसरी लहर के आने की घोषणा कर दी है। साथ ही यह भी की इस तीसरी लहर में बच्चे ज्यादातर प्रभावित होंगे। कई राज्यों ने तो बच्चों की सुरक्षा में तैयारियां भी आरंभ कर दी है और अस्पताल बनाने से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर और दवाइयों व टीके सब पर काम शुरू कर दी गई है।
घबराहट पर तब ब्रेक लगता हुआ महसूसा गया जब सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार बोलते दिखे कि घबराएं नहीं…. आगे कोरोना की तीसरी लहर पूरे देश में नहीं आएगी और बच्चों पर ज्यादा असर होने की आशंका भी नहीं है।
परंतु, यह भी जानिए कि दूसरी लहर तो प्रतिदिन हजारों की जिंदगियां निकल रही है। देश की स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई है। बड़े-बड़े अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित जीवन रक्षक दवाओं की भारी किल्लत अभी भी जारी है। फिर भी प्राय: सभी राज्यों की सरकारें संक्रमण के कहर से बच्चों को बचाने के लिए तैयारियों में जुट गई हैं।
बकौल समाजसेवी-शिक्षाविद प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, यदि भारत की 132 करोड़ आबादी यह ठान ले- दो गज दूरी, मास्क है जरूरी और दिन भर में 10 बार साबुन से हाथ धोते रहें तो हम किसी भी लहर से मुकाबला कर सकते हैं और कोरोना मुक्त भारत बना सकते हैं।