देश में कोरोना मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। लोग अपनों की जान बचाने के लिए अस्पतालों में सीट के लिए, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए और वेंटिलेटर के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। कोरोना काल में चारो ओर गिद्धों का बोलबाला है। यह गिद्ध अपने मंसूबों को पूरा करने में लगे रहते हैं।
बता दें कि ऑक्सीमीटर, नेबुलाइजर, ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसीविर जैसे प्राणरक्षक दवाइयों एवं उपकरणों को ये गिद्ध मनमाने दामों पर कालाबाजारी करते हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विदेशों से लाकर कई गुने दामों पर बेचते हैं।
दिल्ली में गिद्ध सेना और उनके सेनापतियों को दिल्ली पुलिस पकड़ने में लगी है। सांसों के बदले पैसे वसूलने वालों पर दिल्ली में पुलिसिया कहर बरपा रही है दिल्ली सरकार। परंतु, कुछ कोरोना योद्धा हैं कि हर स्तर पर कोरोना मरीजों को मदद कर रहे हैं। पुलिस के कुछ जाँवाज तो देवदूत बनकर मरीजों को मदद करने में लगे हैं जहाँँ अस्पतालों में डॉक्टरों एवं नर्सों की कमी है…… ऑक्सीजन एवं जीवन रक्षक दवाओं की कमी। फिर भी दूसरी लहर में मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
जोखिम उठाकर श्मशान घाट पर कुछ देवदूत जैसे लोग फर्ज मानकर साफ सफाई करते हैं। कोविड से हुई मौतों वाले मृतकों का दाह संस्कार करते हैं। वे प्राय: 12:00 बजे रात में सोते हैं। धधकती चिता की लपटों के कारण पीपीई किट भी नहीं लगा सकते हैं।
चलते-चलते यह भी कि जहां कफन बेचने वाली दुकान में दिन में एक लाश आती थी वहीं अब प्रतिदिन 40-50 मृतकों के लिए समान बिकने लगे हैं। जबकि सरकारें ऑक्सीजन नर्सेज, ऑक्सीजन डॉक्टर्स एवं ऑक्सीजन पुलिस तैनात करने लगी हैं।