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मधेपुरा के सुभाष चौक पर नेताजी की 125वीं जयंती मनी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत की आजादी के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजी हुकूमत को चकमा देकर जर्मनी पहुंचे और आजाद हिंद फौज का गठन किया। अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने “जय हिंद” कोो राष्ट्रीय नारा बना दिया। नेताजी का व्यक्तित्व भारतीय युवजनों के जीवन को अर्थपूर्ण बनाने के लिए आज भी प्रेरित करता है। उक्त बातें समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि करने के बाद कहीं।

Samajsevi-Shikshavid Dr.Bhupendra Madhepuri addressing youths along with senior RJD leader Bijendra Prasad Yadav, ADV. Shudhanshu Ranjan, AK Sinha, Damodar Pransukhka, Umesh Kumar Om and others on the 125th Jayanti Samaroh of Neta Jee Subhash Chandra Bose at Subhash Chowk, Madhepura.

मौके पर अपने संबोधन में डॉ.मधेपुरी ने प्रखर पत्रकार रह चुके देवाशीष बोष एवं पटना हाई कोर्ट के जस्टिस रह चुके सुरेश चंद्र मुखर्जी के इस प्रतिमा निर्माण में योगदान की चर्चा करते हुए कहा- नेताजी की 125वीं जयंती को इस बार भारत सरकार ने “पराक्रम दिवस” के तौर पर मनाने हेतु 85 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

समिति के लोगों द्वारा यह जानकारी दी गई कि 23 जनवरी को कोलकाता में नेताजी की जयंती ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम में भाग लेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहीं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उड़ीसा के कटक में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां नेता जी का जन्म हुआ था और गुजरात के सूरत जिले के हरिपुरा गांव में भी भव्य जयंती मनाई जाएगी, जहाँ 1938 में नेताजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे।

मौके पर राजद के वरिष्ठ नेता व समाजसेवी बिजेंद्र प्रसाद यादव, उमेश कुमार ओम, एडवोकेट सुधांशु रंजन, अधिवक्ता अशोक कुमार सिन्हा, व्यापारी दामोदर प्राणसुखका, अक्षय दीप, आदित्य लल्लन यादव आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

अंत में डॉ.मधेपुरी ने उपस्थित जनों से यही कहा कि देश के प्रथम अस्थाई सरकार के राष्ट्राध्यक्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती समस्त भारत में 23 जनवरी को दिन भर समारोह पूर्वक मनाई जाएगी। ज्ञातव्य है कि उस अस्थाई सरकार को जर्मनी, जापान, चीन, कोरिया, इटली आदि कई देशों ने मान्यता भी दे दी थी। अपना बैंक और अपनी करेंसी भी नेता जी ने बना ली थी।

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