प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मधेपुरा के ‘सुख शांति भवन’ में प्रजापिता लेखराज कृपलानी की 53वीं पुण्यतिथि मनाई गई। यह ‘सुख शांति भवन’ हाल ही में इंजीनियर नरेश कुमार (साहुगढ़) द्वारा दान स्वरूप समर्पित व उद्घाटित किया गया है। 18 जनवरी सोमवार को बाबा की पुण्य तिथि को “विश्व शांति दिवस” के रूप में उनके समस्त श्रद्धालुओं द्वारा मनाई गई। सर्वप्रथम उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि किया गया, फिर उनके गुणों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया गया।
बता दें कि कार्यक्रम का उद्घाटन ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी रंजू दीदी, मुख्य अतिथि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी राजद नेत्री रागिनी रानी सहित पूर्व प्रमुख विनय वर्धन, विजय वर्धन, प्रो.सतीश सिंह व ओमप्रकाश आदि द्वारा संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया गया।
उद्घाटन संबोधन में रंजू दीदी ने कहा कि ब्रह्मा बाबा को त्याग व तपस्या की प्रतिमूर्ति मानें। उनके द्वारा बताए गए अच्छे कार्यों को करते हुए संमार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाएं और इस विश्व शांति दिवस पर अपनी इंद्रियों पर संयम रखते हुए मनोबल को ऊंचाई प्रदान करें, वहीं मुख्य अतिथि डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि 84 लाख योनियों में सिर्फ एक मनुष्य योनि है जो केवल कल के लिए ही नहीं बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के लिए धन संचय करने हेतु क्या-क्या नहीं करता है, जिसमें अपवाद स्वरूप- बुद्ध, नानक, कबीर, ब्रह्मा बाबा, ब्रम्हाकुमारियाँ, भूपेन्द्र-भीम-कर्पूरी….. और डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम आदि… के राह के राही बनें और सुखी रहें।
जहां विशिष्ट अतिथि नेत्री रागिनी उर्फ डोली दीदी ने विस्तार से बताया कि आध्यात्मिकता ही सद्गुणों का स्रोत है और युवाओं को आध्यात्मिकता द्वारा ही नई दिशाएं मिलेगा, वहीं पूर्व प्रमुख खोखा बाबू ने कहा कि अच्छे व पुण्य कर्मों को करते हुए सभी से दुआएं प्राप्त करते रहें…. वही आपके रास्ते का संबल बनेगा। मौके पर सर्वप्रथम बाबा के अनमोल रतन ओम प्रकाश जी ने कहा कि ब्रह्मा बाबा जीवन पर्यंत विश्व शांति के कार्य को आगे बढ़ाते हुए आज ही के दिन ब्रह्मलीन हुए थे। मौके पर आशा देवी, जानकी, दुर्गा, मौसम बहन, वीना, विभा व रेणु बहनें आदि का अमूल्य सहयोग सराहनीय रहा।