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विवेकानंद की 159वीं जयंती पर डॉ.मधेपुरी ने किया उनका पुण्य स्मरण

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा- आज ही के दिन यानि 12 जनवरी 1863 को नरेंद्रनाथ दत्त का जन्म कोलकाता में हुआ था। उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें विवेकानंद नाम दिया, जो नाम आज भारत ही नहीं विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणा-स्रोत बन गया है।

डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से कहा कि आर्थिक तंगी से जूझते हुए अनेक वर्षों तक भारत भ्रमण किया स्वामी विवेकानंद ने। 1893 में उन्होंने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सभा में सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया और भारत की मजबूत छवि दुनिया के सामने पेश की। शिकागो के उस मंच से जब उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत-  “……..भाइयों ! और बहनों !!” संबोधन के साथ आरंभ किया तो वहां मौजूद लोग तल्लीन होकर बस उन्हें ही सुनते रह गए। बच्चों ! स्वामी विवेकानंद का भाषण आज भी प्रासंगिक है-

“…..मैं इस मंच से बोलने वाले  उन वक्ताओं का भी  धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार पूर्व के देशों से आया है….. और शिक्षा वही है जो अनुकरण की जगह अन्वेषण करना सिखाये और युवाओं के अंदर आत्मविश्वास जगाए।”

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