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अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा सिंहेश्वर स्थान

एक ओर जहां राज्य सरकार द्वारा सिंहेश्वर को नगर पंचायत घोषित किये जाने एवं उसमें सिंहेश्वर और गौरीपुर पंचायत को शामिल किए जाने से लोगों में खुशी व्याप्त है वहीं पंचायत की राजनीति करने वाले चंद लोग मायूस नजर आ रहे हैं। सिंहेश्वर के गणमान्यों ने खुशियां जाहिर करते हुए इसे नीतीश सरकार का बड़ा फैसला कहा है।

सिंहेश्वर मंदिर न्यास परिषद के सदस्य रह चुके समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, व्यापार संघ के महासचिव अशोक भगत, मारवाड़ी युवा मंच के दिलीप खंडेलवाल एवं वयोवृद्ध प्रतिष्ठित व्यापारी हरि टेकरीवाल आदि ने कहा कि अब सिंहेश्वर न केवल पर्यटन के रूप में विकसित होगा बल्कि सिंहेश्वर का चहुमुखी विकास संभव हो पाएगा।

डॉ.मधेपुरी ने केंद्रीय रेल मंत्री से मांग की है कि पूर्व में रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र के कार्यकाल में दौरम मधेपुरा से बीरपुर भाया सिंहेश्वर रेल लाइन का सर्वे भी कराया गया था, उसे अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इस इलाके से होकर रेल मार्ग गुजरने पर बेहतर विकास संभव होगा तथा लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

यह भी जानिए कि जहां पंकज भगत ने पूर्व डीएम मो.सोहैल का हवाला देते हुए कहा कि सिंहेश्वर को नगर पंचायत बनाए जाने का प्रस्ताव उन्हीं के द्वारा भेजा गया था, वहीं समाजसेवी डॉ.मधेपुरी ने कहा कि डायनेमिक डीएम मो.सोहैल ने आम लोगों एवं श्रद्धालुओं की परेशानियों को दूर करने के लिए नारियल बोर्ड से लेकर दुर्गा चौक तक फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। लगता है नगर पंचायत बनने पर ये सारी योजनाएं जनहित में अवश्य पूरी की जाएंगी।

चलते-चलते यह भी बता दें कि वर्तमान में बिहार में 142 शहरी निकाय थे और अब निकायों की संख्या हो जाएगी 253, जिसमें कुछ नगर पंचायतों को नगर परिषद तथा कुछ नगर परिषद को उत्क्रमित कर नगर निगम बनाया गया है। सूबे की 300 पंचायतें शहरों का हिस्सा बनेंगी। जानिए कि नगर निकाय गठन का मुख्य मानक है- 1. नगर पंचायत के लिए आबादी 12 हजार से 40 हजार, 2. नगर परिषद के लिए 40 हजार से 2 लाख और 3. नगर निगम के लिए 2 लाख से अधिक।

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