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केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों का आज भारत बंद

संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने 12 दिनों से मोर्चा खोल रखा है। लगातार 12वें दिन तक आंदोलन पर डटे किसान नेताओं ने सोमवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यही कहा- मंगलवार (8 दिसंबर) को पूरा दिन पूरी तरह से शांतिपूर्ण बंद रहेगा। फिर भी केंद्र सरकार द्वारा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने हेतु एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें कोरोना से बचाव को लेकर जो गाइडलाइन पहले जारी की गई है उसके पालन को लेकर भी मुस्तैद रहने को कहा गया है।

बता दें कि दिल्ली को चारों तरफ से किसानों ने घेर लिया है। दिल्ली को जोड़ने वाली एनएच पर बॉर्डर से 20 किलोमीटर मुरथल तक ट्रैक्टर-ट्रॉली की कतारें हैं। जहां कोरोना, कोहरा व ठंड के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा है वहीं खुले आसमान के नीचे इस ठंड में हजारों-हजार अन्नदाता किसान अडिग हैं। घर के अन्य से बना-बनाकर भोजन करते हैं अन्नदाता……. कहीं चाय बन रही है….. तो कहीं अलाव जल रहा है। कहीं लंगर की व्यवस्था है तो कहीं गायन-वादन चल रहा है। फिर भी किसानों ने एंबुलेंस एवं शादी वाली गाड़ियों को आने-जाने की छूट दी है।

यह भी जानिए कि किसानों के आंदोलन को समर्थन सहयोग एवं साथ दे रहे हैं- कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, राजद, आम आदमी पार्टी, भाकपा, माकपा, माले, आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक, जाप, जीडीएसएफ सहित अन्य कई विपक्षी पार्टियां।

चलते-चलते यह भी जान लीजिए कि अन्नदाता किसान और केंद्र सरकार के कृषि मंत्री व आलाधिकारियों के साथ 5 दौर की बैठक के बावजूद भी नए कृषि कानून की वापसी पर बात नहीं बनी, परंतु किसान अपनी मांग पर अडिग हैं। इसलिए संपूर्ण भारत बंद की अपील की है।

 

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