17वीं बिहार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव बुधवार को विधानसभा के विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में भारी हंगामे और शोर-शराबे के बीच प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने संपन्न कराया। वोटिंग के आधार पर स्थाई विधानसभा अध्यक्ष के रूप में एनडीए के उम्मीदवार एवं भाजपा के विधायक विजय कुमार सिन्हा के नाम की घोषणा श्री मांझी ने की। यह सुखद संयोग कहिए कि बिहार विधानसभा के निवर्तमान अध्यक्ष व जदयू विधायक एवं वर्तमान संसदीय कार्य मंत्री का नाम भी विजय कुमार…. ही है।
बता दें कि महागठबंधन प्रत्याशी राजद नेता अवध बिहारी चौधरी को 114 मत पड़े वहीं एनडीए प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा के पक्ष में 126 मत पड़े। 2 सदस्य अनुपस्थित रहे और एक वोटिंग में शामिल नहीं हुए। इस चुनाव में नया इतिहास भी रचा गया है। पहली बार 51 साल बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ और तुर्रा तो यह है कि प्रोटेम स्पीकर को महज आधे घंटे के अंदर दो बार वोटिंग की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी। पहली बार एनडीए प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा के पक्ष में 127 वोट पड़े वहीं दूसरी बार में 126 वोट ही मिले।
जानिए कि पाँच दशक बाद पहली बार बिहार विधान सभा अध्यक्ष पद के लिए मत विभाजन में जीत के बाद नवनिर्वाचित एनडीए प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा को अध्यक्ष के पद पर आसीन करने हेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव आसन तक ले गए। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आसन तक चलने के लिए आमंत्रित किया। भाजपा सदस्य विजय कुमार सिन्हा के अध्यक्षीय आसन पर बैठते ही भाजपा सदस्यों ने भारत माता की जय कारे लगाने लगे।
चलते-चलते यह भी बता दें कि सीएम, अशोक चौधरी व मुकेश साहनी (मंत्री द्वय) के सदन में मौजूद रहने को लेकर तेजस्वी की सेना ने हंगामा खड़ा कर दिया। प्रोटेम स्पीकर श्री मांझी ने कहा कि सीएम सदन के नेता हैं, उन्हें सदन में रहने का अधिकार है भले ही वे इस सदन के सदस्य नहीं है। और दो अन्य सदस्य मंत्री की हैसियत से सदन में बैठने के अधिकारी हैं।
अंत में आसन ग्रहण करने के बाद नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सभी सदस्यों को साथ लेकर चलूंगा। सदस्यों की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरने का प्रयास करूंगा। जन समस्याओं को दूर करने तथा उनके बेहतर कल के लिए हमेशा कुछ बेहतर करते रहने का सतत प्रयास करता रहूंगा।