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रासबिहारी लाल मंडल की पुण्य तिथि मनाई गयी

Dr. Madhepuri addressing at Ras Bihari Uchh Vidyalaya Madhepura

स्थानीय राजकीयकृत रासबिहारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में अमर स्वतंत्रता सेनानी बाबू रासबिहारी लाल मंडल की 97 वीं पुण्य तिथि सादगीपूर्वक मनाई गई | मुख्य अतिथि के रूप में विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने छात्रों एवं गणमान्यों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता आन्दोलन में महती भूमिका निभाने वाले रासबिहारी लाल मंडल समतामूलक समाज के निर्माता थे | आज़ादी के लिए लड़नेवाले आन्दोलनकारियों को उन्होंने नेतृत्व प्रदान किया और फिरंगियों के दांत खट्टे कर दिये |

Students attending Death Anniversary Meets at Ras Bihari Uchh Vidalaya

डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि रासबिहारी बाबू  हिन्दी, उर्दू, बंगला, फारसी, अंग्रेजी एवं संस्कृत आदि कई भाषाओं के विद्वान थे | उन दिनों जब मीडिया आज की तरह सशक्त नहीं थी तक उनके मुरहो निवास पर हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू एवं बंगला का समाचार पत्र नियमित रूप से आता था |

डॉ. मधेपुरी ने अन्य बातों की चर्चा करते हुए जोर देकर यह भी कहा कि यदि समाजसुधारक रासबिहारी न हुए होते तो यादव समुदाय आज शूद्रों की कोटि में ही रह गया होता | उन्होंने ही कृषि एवं दुग्ध-उत्पादन को व्यापार बताकर गोप समुदाय को शुद्र से वैश्य बनाने की पुरजोर कोशिश की थी – जबकि आज की तारीख़ में उच्चकोटि के लोग भी शूद्र व दलित बनने के जुगाड़ में लगे दिखते हैं |

अपने संबोधन में डॉ.ऐ.के. मंडल, प्रतिकुलपति डॉ.के.के. मंडल, प्राचार्य श्यामल किशोर यादव एवं विद्वान प्रो. प्रभाष चंद्रा ने उनकी निर्भीकता और ईमानदारी की चर्चाएँ की | कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या रंजना कुमारी तथा मंच संचालन प्राध्यापक राजेन्द्र प्र. यादव ने किया | इस अवसर पर डॉ. आलोक कुमार, प्राण मोहन यादव, डॉ. श्याम सुन्दर यादव, नवीन कुमार, गोपाल आदि मुख्यरूप से मौजूद थे |

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