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भारत के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा नेहरू की ऐसी उपेक्षा क्यों ?- डॉ.मधेपुरी

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दरमियान 23 वर्षों तक ब्रिटिश शासन में कारागृह की यातनाएं सहने वाले एवं भारत की बेहतरी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर) पर ऐसी उपेक्षा क्यों ? भारत को आजादी दिलाने में सर्वाधिक कुर्बानियां देने वाले चाचा नेहरू को सम्मान देने में भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को इतना मुश्किल क्यों हो रहा है ?

बता दें कि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री के जन्म दिवस सह बाल दिवस यानि 14 नवम्बर के दिन स्थानीय प्रतिष्ठित अखबारों में ना तो नेहरु जी का बच्चों के साथ एक भी चित्र कहीं देखने को मिला और ना उनके सम्मान में लिखी एक भी पंक्ति कहीं दिखी। डॉ.मधेपुरी ने पुनः क्षोभ प्रकट करते हुए कहा कि यदि स्थिति इस तरह बिगड़ती चली गई तो क्या लोकतंत्र बच पाएगा ? क्या बच्चे ऐसी ही दीवाली मनाएंगे या लोकतंत्र के चारों चौखटों पर उम्मीद के दीये जलाएंगे…. ??

चलते-चलते यह भी बता दें कि बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू के अलावे मानवीय सेवाओं को ऊंचाई तक ले जाने वाले भारत रत्न मदर टेरेसा, जगदीश चंद्र बसु, होमी जहांगीर भाभा, सी वी रमण……. आदि को चौथे स्तंभ द्वारा जो सम्मान दिया जाना चाहिए उसमें निरंतर कमी ही नजर आ रही है। बकौल डॉ.मधेपुरी यह कि बच्चे जब तक अपने अतीत को नहीं जानेंगे तब तक वे ना तो अपने भविष्य को गढ़ पायेंगे और ना ही वर्तमान में एक कदम आगे बढ़ पायेंगे।

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